कोरबा। जिले में दिव्यांग बच्चों हेतु 50 सीटर बाधारहित आवासीय छात्रावास में विशेष शिक्षक/थेरेपिस्ट के पदों के लिए दस्तावेज सत्यापन/साक्षात्कार पश्चात् पद हेतु प्राप्त अंकों के आधार पर उपस्थित अभ्यर्थियों की जारी की गई मेरिट सूची की साक्षात्कार प्रक्रिया में अभ्यर्थियों द्वारा अपात्रों को पात्र ठहराते हुए धांधली करने शिकायत कर साक्षात्कार निरस्त करने की मांग की है। डीईओ को दावा आपत्ति कर अभ्यर्थियों ने इसकी प्रतिलिपि कार्यालय कलेक्टर को सौंपी है। उक्त आरोप एवं आपत्तियों ने शिक्षा महकमे में एकबार फिर खलबली मचा दी है।।
दो अभ्यर्थियों सरिता जायसवाल एवं भारती सोनी ने डीईओ के यहाँ किए गए दावा आपत्ति मीडिया से भी साझा की है। जिसमें अभ्यर्थियों ने 8 एवं 16 अक्टूबर को किए गए आपत्तियों में कार्रवाई की जानकारी से अवगत नहीं कराने का आरोप लगाया है। अभ्यथियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि फिजियोथेरेपिस्ट पद का आवेदक रविशंकर सिंह को दस्तावेज सत्यापन से पूर्व ही अपात्र कर देना चाहिए था । लेकिन उन्हें अपात्र करने की जगह साक्षात्कार में उपस्थित होने तथा साक्षात्कार परिणाम में वरिष्ठता सूची में प्रथम स्थान दिया गया। अपात्र आवेदक रविशंकर सिंह के विरुद्ध शिकायत करने के बाद साक्षात्कार के वरिष्ठता सूची से उसका नाम हटा दिया गया। जो नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली की ओर इंगित करता है। अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार लेने वालों पर विषय के ज्ञान का अभाव एवं गलत प्रश्न पूछ भ्रमित करने का आरोप लगाया। अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार से पूर्व उनसे फोन कर पैसों की मांग करने का आरोप लगाया। पैसे नहीं देने पर उन्हें कम अंक देने एवं अपात्रों को अधिक अंक देने की बात कही। उन्होंने इसमें अपने विभागीय अधिकारी के मिलीभगत का अंदेशा जताया है। योग्यता अनुसार अंक नहीं देने साक्षात्कार के दौरान विडियोग्राफी नहीं कर पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव बताया है। अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार निरस्त करने की मांग की है।