0 शुध्द पेयजल के नाम 3.45 लाख कहां खर्च हुए, क्या सरपंच-सचिव ने डकार लिया..?
कोरबा-पाली। छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार में मंत्री पद लेने वाले कोरबा जिले में विकास का घोड़ा दौड़ तो रहा है लेकिन उसकी चाल बड़ी अनियमित सी है। यही वजह है कि सालों साल बाद भी अनेक सुदूरवर्ती इलाकों में विकास पहुँच नहीं पाया है। शुद्ध पानी पिलाने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है किंतु यह योजना ज्यादातर चालाक लोगों को ही अमृत पिला रही है। विभागीय मैदानी अमले की उदासीनता योजनाओं का सही क्रियान्वयन में भारी पड़ रही है।
शुद्ध पानी घर-घर पहुंचाने के दावों के बीच बूंद-बूंद साफ पानी को तरसते पहाड़जमड़ी के ग्रामीण अपने इलाके और पंचायत की जमीनी हकीकत बयां कर रहे हैं। ग्रामीण वर्षों से झिरिया का पानी पीने को मजबूर हैं।
जनपद पंचायत पाली अंतर्गत बीहड़ पहाड़ी ग्राम पंचायत रतखंडी गौरेला- पेंड्रा-मरवाही जिले की सीमा में बसा है। इस पंचायत के आश्रित पहाड़जमड़ी में बसे आधी आबादी के लोग वर्षों से खेत मे बने झिरिया में भरे गंदे नाले का दूषित और बदबूदार पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, इसी पानी से अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
0 कागजों में हुआ काम,राशि आहरित
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यहां गत 2020- 21 से बाबूलाल सोनवानी सरपंच निर्वाचित है जिन्होंने अपने शुरुआती कार्यकाल में ही दूषित पानी का सेवन कर रहे इस गांव के लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुँचाने के नाम पर लाखों रुपए का खेला किया। पहाड़जमड़ी में गणेश घर से मनीराम घर तक पाइप लाइन विस्तार, सबमर्सिबल पंप, सिन्टेक्स स्थापना कार्य और रामबाई घर से यादव घर तक पाइप लाइन विस्तार के नाम पर रिचार्ज बाउचर तिथि 14 अक्टूबर 2020 की स्थिति में 3 लाख 45 हजार 980 रुपए 14वें वित्त मद से निकाली गई है। ऑनलाइन सरकारी पोर्टल में जिस कार्य के लिए राशि आहरण का उल्लेख है, किन्तु उक्त काम धरातल पर आज तलक कराया ही नही गया है और पूरी राशि बिना डकार के हजम कर ली गई। विकासखण्ड का दूरस्थ एवं अंदुरुनी गांव होने से यहां प्रशासनिक अधिकारियों की पहुँच लगभग शून्य है, जिसका फायदा उठा सरपंच- सचिव ने मिलीभगत कर विकास के नाम पर शासकीय राशि का जमकर गबन किया है। ऑनलाइन सरकारी पोर्टल में दर्शित कार्य और आहरित राशि की भौतिक जानकारी लेने जब हमने पहाड़जमड़ी गांव का दौरा किया तब पाया कि गणेश घर से मनीराम घर तक की दूरी आधे किलोमीटर की है, जहां गोंड व कंवर जाति के लगभग 8- 9 घरों के परिवार बसे है। वहीं रामबाई घर से यादव घर तक 5- 6 घरों के परिवार निवासरत है, जहां किसी भी प्रकार के पाइप लाइन विस्तार कार्य और सबमर्सिबल, सिन्टेक्स स्थापना का काम हुआ ही नही है। गणेश राम और उसके साथ बसे परिवार के लोग वर्षों पूर्व से शुध्द पानी की कमी से जूझते हुए भगवान भरोसे अपना जीवन गुजार रहे हैं।
0 नाला से बहकर झिरिया में भरता है पानी
ग्रामीण राजकुमार सरोठिया व सावित्री बाई ने बताया कि उनके पास साफ पानी नहीं मिलता है। नाला से बहकर पानी खेत में बने झिरिया में भर जाता है जिसका उपयोग पीने सहित अपने दैनिक दिनचर्या के लिए वर्षों से करते चले आ है। सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के समय होती है। इस बदहाली से निजात दिलाने को लेकर कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नही आता। केवल वोट मांगने आते हैं, जब तक वोट नहीं मिलता है तब तक कहते हैं कि शुद्ध पानी की व्यवस्था हो जाएगी। रामबाई के घर के समीप निवासरत बीरबल यादव ने बताया कि उनके पेयजल की परेशानी को लेकर कभी किसी ने ध्यान नही दिया। पीने के लिए आधे किलोमीटर की दूरी तय कर प्राथमिक शाला परिसर में लगे बोर से पानी लाने को मजबूर हैं। बहरहाल सुविधाओं व पेयजल के अभाव में जिंदगी बिता रहे पहाड़जमड़ी के ग्रामीणों को सरकार से मदद की आस है।