0 कादिर खान के साथ जुगलबंदी में सरकार को लाखों का लगा चुके हैं चूना
कोरबा। कोयलांचल के लोकप्रिय भाजपा नेता के पुत्र और स्वयं भी भाजपा से जुड़े हीरू जायसवाल ने कथित कांग्रेस नेता कादिर खान के साथ मिलकर नदियों से अवैध तरीके से रेत का खनन कर उसे बाजार में बेचकर जहां सरकार को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान पहुंचाया वहीं बरसात के लिए भी चोरी की रेत का व्यापक भण्डारण किया। इसे पिछले दिनों जप्त किया गया। इसके बाद इन पर अब तक किस तरह की कार्रवाई हुई है, यह तो खनिज प्रशासन की तरफ से ज्ञात नहीं हो सका है लेकिन यह भी है कि जिला प्रशासन की कार्रवाई के सामने इनका कोई अप्रोच भी नहीं चल पाया।
पहली बड़ी कार्रवाई करने के बाद अभी तो दोनों तरफ से खामोशी का आलम है वहीं रेत चोरी के मामले में हीरू जायसवाल के एक्सपोज हो जाने के बाद भाजपा की भद्द पिट रही है। सरकार भी भाजपा की है और संगठन भी अच्छा खासा चल रहा है लेकिन सत्ता और संगठन के संरक्षण में चले आ रहे रेत चोरी के मामले में अब भाजपा से जुड़े लोग ही भाजपा को घेरने में लगे हुए हैं।
सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट की बात करें तो हीरू के कारण भाजपा की बदनामी हो रही है, वह स्वयं रेत चोरी करने के साथ-साथ अपने साथ लगे 300 लोगों को भी चोरी में संलग्न किए हुए है। पिछले दिनों एक शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह भाजपा के नेताओं को भला-बुरा कह रहा है और फिर उसकी माफी मांगते हुए वीडियो को भी वायरल कराया गया लेकिन इन सब के बीच यह सवाल भी सोशल मीडिया पोस्ट में उठाया गया है कि एक शिक्षक का वीडियो बन जाता है तो भला भाजपा नेता हीरू की रेत चोरी पर संज्ञान क्यों नहीं लिया जाता? रेत की चोरी।में संलिप्त कराने की बजाय एसईसीएल खदान की कम्पनियों में रोजगार ही दिला देते….आदि-आदि कमेंट्स हैं,जो आप नीचे वायरल पोस्ट में पढ़ सकते हैं।
फिलहाल, रेत की चोरी पर शासन व कलेक्टर की सख्ती उपरांत थोड़ी बहुत कार्रवाई हो जाने के बाद तस्कर और अवैध भंडारणकर्ता नहीं है बल्कि वह उड़नदस्ता, टास्क फोर्स और अमले की नजरे बचा कर अपना काम कर रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में यह बेखौफ जारी है क्योंकि टास्क फोर्स की पहुंच वहां तक हो नहीं पा रही और यदि कोई पहुंचने की कोशिश करे भी तो पहुंचने से पहले रेत माफियाओं के मुखबिर उन्हें अंदरूनी तौर पर मिल रही जानकारी से सतर्क कर देते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि रेत चोरों के मुखबिर पुलिस, खनिज और प्रशासन की मुखबिरी पर भारी हैं।
