0 जनवरी से जून तक,तिहार में भी चलता रहा आवेदन का सिलसिला,पर खतरे को टालने सुध नहीं ली अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों ने
0 पार्षद ने शरण देने की बात कही,रात होते ही मुकर गया
0 अधिकारियों पर तय होनी चाहिए घटना की जिम्मेदारी
कोरबा-बांकीमोंगरा। नवगठित नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा जहां अपने नए-नए गठन की खुमारी में है तो यहां के अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि भी कुछ अलग ही रौब में चल रहे हैं। सत्ता-संगठन और प्रशासन में आपसी तालमेल कितना है, यह तो इससे जुड़े लोग ही जानें लेकिन जनता की सुनवाई कितनी हो रही है यह हाल-फिलहाल की घटनाओं ने उजागर कर दिया है। पिछले काफी दिनों से जहां अपने निजी खेत में फ्लाई ऐश पटवाने को लेकर एक किसान परेशान हो रहा है तो दूसरी तरफ आज मंगलवार को मंगलू महंत का आशियाना अधिकारियों की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गया। इस घटनाक्रम ने इतना तो जाहिर कर दिया है कि गरीब को तिल-तिल कर ही दूसरों के रहमोकरम पर जीना पड़ता है।

नगर पालिका परिषद बांकीमोगरा के वार्ड क्रमांक 03 मोंगरा बस्ती के भीमसेन मंदिर परिसर के समीप आबादी क्षेत्र में एक विशाल बरगद का सूखा पेड़ है। इसे कटवाने को लेकर ग्रामवासियों ने कई बार जन-धन की हानि की आशंका व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन से पत्र व्यवहार और नगर पालिका परिषद सीएमओ को भी पत्र लिखा था और सुशासन तिहार में भी लिखित शिकायत पत्र दिया। तमाम पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और इसका खामियाजा गरीब को भुगतना पड़ गया। यह सब तब हुआ जब इसी रास्ते से पेड़ को देखते हुए रोज सीएमओ, पालिकाध्यक्ष, पार्षद गुजरते रहे।
17 जून, मंगलवार को हल्की सी बारिश से उक्त पेड़ का आधा हिस्सा टूटकर ग्रामीण मंगलू दास के घर पर गिर पड़ा। इस घटना से घर में मौजूद उसके बड़े लड़के आलोक दास पिता को हल्की चोट आई वहीं मंगलू दास का घर पूरी तरह से टूट गया,मौजूद सारे सामान क्षतिग्रस्त हो गए। मंगलू, उसकी पत्नी गीता औऱ पुत्र आलोक से सिर से आशियाना पल भर में छिन गया। उनके पास रहने का कोई ठिकाना ही नहीं बचा। डाल गिरने से विद्युत व्यवस्था भी बाधित हुई है।
0 पार्षद ने सहारा देने की बात कह कर हाथ खींचा

गरीब मंगलू का परिवार सिस्टम और अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। जानकारी होने पर पालिकाध्यक्ष सोनी झा मौके पर पहुंचीं तो उनके सामने इसी वार्ड 03 के पार्षद लोकनाथ सिंह तंवर ने पीड़ित परिवार को जब तक आश्रय न मिले, तब तक अपने एक नवनिर्मित मकान में सहारा देने की बात कही किन्तु देर रात हृदय परिवर्तन होते ही अपने बात से मुकर गया। फिर पीड़ित परिवार उसके घर के सामने रात गुजारने को मजबूर हुआ।
0 आज पालिका में डेरा डालेंगे
समस्त मोहल्लेवासी बुधवार को पालिका कार्यालय में डेरा डालने वाले हैं। जब तक उस पेड़ की कटाई नहीं हो जाती और उस पीड़ित परिवार को पालिका व प्रशासन से उचित पर्याप्त आर्थिक सहारा नहीं मिल जाता, जब तक कोई आशियाना नहीं मिल जाता, पालिका परिसर ही उसका आशियाना होगा। मांग है कि पालिका परिषद या जिला प्रशासन उसके अस्थाई निवास की व्यवस्था करे। पीड़ित परिवार के मामले को लेकर घेराव भी सम्भावित है। लोग डरे-सहमे हैं क्योंकि अभी पेड़ का आधा से ज्यादा हिस्सा बचा हुआ जो आने वाले खतरे की ओर इशारा कर रहा है l बता दें कि, कोयला मजदूर पंचायत के अध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह ने स्वयं इसी साल जनवरी और जून माह में आवेदन दिया था, मंगलू दास की पत्नी ने भी सुशासन तिहार में दो बार आवेदन दिया लेकिन आवेदनों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया।
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