👉🏻उम्मीद का साथ नहीं छोड़ रहे,पर रेलवे डिगेगा यह भी नहीं मान रहे
कोरबा। कई वर्षों से कोरबा-गेवरा रोड रेलखंड के पुराने लाइन के किनारे बसी इंदिरा नगर दुरपा रोड बस्ती में रह रहे लोग नेताओं के आश्वासन और उम्मीदों के बीच झूल रहे हैं। आश्वासन पर टिके लोगों ने घर टूटने-उजड़ने के भययुक्त संशय के मध्य अपने घरों का सामान दूसरी जगह शिफ्ट करना भी शुरू कर दिया है।
बता दें कि रेलवे ने 705/8 से 705/10 किलोमीटर के बारे में अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए करीब 200 से अधिक घरों को स्वमेव खाली करने के लिए 24 दिसंबर तक का समय दिया है। इसके बाद रेलवे स्वयं 30 दिसंबर से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू करेगा।
इस बीच, अलग-अलग स्तर पर तोड़फोड़ को रुकवाने के लिए जी तोड़ कोशिश लोगों की ओर से की गई। रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों से मिलने और मुख्य मार्ग रेलवे क्रॉसिंग के पास जाम करने के बाद इन लोगों ने छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगनऔर महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत से भी भेंट की। खबर है कि दोनों की ओर से उचित आश्वासन प्राप्त हुआ है कि कोई घर टूटने नहीं दिया जाएगा। यदि रेलवे घर तोड़ने आएगा तो हम सामने खड़े रहेंगे। इनके समर्थक भी दावे करते नहीं थक रहे हैं लेकिन प्रभावित लोग रेलवे के रवैये के कारण लगातार संशय में हैं।

लोगों को लग रहा है कि अगर रेलवे की ओर से कार्रवाई हुई तो नुकसान होना बिल्कुल तय है। दूसरी स्थिति में अनुकूलता हो सकती है लेकिन यह भी एक दुविधा है,इसलिए दोराहे पर अटके कुछ लोगों ने अभी से अपने सामानों को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर ध्यान दिया है। इंदिरा नगर इलाके से कुछ लोगों को दूसरी जगह सामान ले जाते हुए आज देखा गया। खबर है कि लोगों की मजबूरी को देखते हुए किराए पर मकान उपलब्ध कराने वालों ने एकाएक दरों को बढ़ा दिया है।
👉🏻यार्ड पर शुरू किया काम रेलवे ने
रेल पथ अभियंता कार्यालय कोरबा द्वारा 17 दिसम्बर को रिमाइंडर स्टेटमेंट जारी करने के बाद वह अपनी अगली कार्रवाई को लेकर अडिग बना हुआ है। बताया जा रहा है कि तीसरी रेल लाइन के लिए इंदिरा नगर में अपनी अर्जित जमीन के आसपास रेलवे की ओर से यार्ड बनाना शुरू किया गया है। मौके पर की जाने वाली कार्रवाई के लिए प्रयुक्त होने वाले सामान को यहां पर रखा जाना है। यह सब देखते हुए भी आसपास के क्षेत्र में दहशत बनी हुई है। इस लाइन की जद में आने वालों को नोटिस देकर हटाने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी।




