कोरबा-हरदीबाजार। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से विभिन्न हितग्राहियों को वितरण किये जाने वाले पोषक रेडी टू ईट के निर्माण का कार्य महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। कोरबा जिला भी इसमें शामिल है किंतु यहां चयन प्रक्रिया को लेकर धांधली की शुरुआती सुगबुगाहट के बीच प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसे लेकर हरदीबाजार के एक स्व सहायता समूह ने भाजपा के संगठन महामंत्री पवन साय से सीधे शिकायत कर गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
जिया स्व सहायता समूह परियोजना हरदीबाजार ने बताया कि उसके समूह को प्रथम सूची में 83 अंक मिले थे और चयनित उसे किया गया जो 67 अंक के साथ चौथे क्रम में था। उसे अंक बढ़ाकर अंतिम सूची में पहले स्थान पर ला कर कार्य आबंटित कर दिया गया है। आरोप है कि कुछ क्षद्म नेताओं के द्वारा अधिकारियों से सांठगांठ कर इसे अंजाम दिया गया है। पूछने पर अधिकारियों ने कार्य आबंटन वाले जय माँ दुर्गा स्व सहायता समूह के प्रस्तुत दस्तावेज़ों में 80 पेज के कुछ कागजात को पहले नहीं देख पाने का तर्क दिया।

शिकायतकर्ता का सवाल है कि पढ़े-लिखे अधिकारियों के 7 सदस्यीय दल से गंभीर कार्य में ये कैसी चूक हो गई कि 80 पेज के कागज नहीं देख पाए, बाद में इस चूक का हवाला देकर नम्बर बढ़ा दिया गया,जो फर्जीवाड़ा है। जिया समूह ने इसे चयनित समूह,7 सदस्यीय समिति के अधिकारियों और क्षद्म नेताओं की सांठगांठ बता कर वर्क ऑर्डर निरस्त करने और सम्बन्धितों पर कार्रवाई की मांग की है।
0 पहले जिन पर घपले के लगे आरोप,इस बार फिर वही
बताते चलें कि पूर्व् की भाजपा सरकार में रेडी टू ईट कार्य में लगे स्व सहायता समूहों के पर्दे के पीछे जो भाजपा नेता काम कर रहे थे,उन्हें ही इस बार फिर मौका मिला है। पाली, कटघोरा के ये नेता उस समय खूब सुर्खियों में रहते थे औऱ निर्माण से लेकर वितरण में जमकर धांधली करते रहे। समूह की आड़ में ये खूब फल-फूले और इस बार भी इन पर सत्ता की खास कृपा बरसी है। कृपापात्रों पर ही मेहरबानी से क्षुब्ध होकर और पूर्ण रूप से पात्र होने के बाद भी दूसरों को काम न मिलने की व्यथा अब संगठन महामंत्री तंक पहुंचाई गई है, देखना है कि सत्ता और संगठन के मध्य प्रशासनिक वर्ग जिया स्व सहायता समूह की किस हद तक सुनवाई करेगा, या फिर समझौता का रास्ता अपनाया जाएगा या बात बढ़ेगी….!
