0 NTPC की राख खाने का मिलता है आंशिक मुआवजा
कोरबा। एनटीपीसी द्वारा संचालित धनरास राख़ड़ बाँध की समस्या खत्म होने क़ा नाम नहीं ले रही है वहीं प्रभावित ग्रामवासियों को सही मेडिकल सुविधा और ना ही सही समय पर उचित मुवावजा मिल रहा है। शिकायत कईयों से की गई है लेकिन जांच व कार्यवाही शून्य है।
कलेक्टर अजीत वसंत से पिछले दिनों शिकायत कर युवा कांग्रेस नेता लक्ष्मीकान्त कंवर ने बताया है कि ग्राम पंचायत धनरास के खाते में ग्राम धनरास, सालिहाभाठा, घमोटा एवं पुरेनाखार के ग्रामीणों को राखड़ डस्ट उड़ने के कारण वितरण के लिए मुआवजा राशि दिया जाता है। एनटीपीसी प्रबन्धन प्रतिमाह 10 दिवस का मुआवजा प्रति दिन 300 रुपए के हिसाब से 3000 रुपए देता आ रहा है। ग्राम पंचायत धनरास के रिकार्ड अनुसार इन गांवों में 645 परिवार (राशन कार्डधारी) निवासरत हैं और ऐसा सूची एनटीपीसी को दिया गया है जबकि ग्राम पंचायत धनरास के तीनों गांवों में कुल 447 राशन कार्ड धारी परिवार और लगभग 70 परिवार पुरैनाखार में निवासरत हैं। इसके विपरीत सरपंच एवं सचिव के द्वारा 645 परिवारों की सूची बैंक अकाउंट नम्बर के साथ राशि वितरण हेतु एनटीपीसी प्रबन्धन के समक्ष जमा किया गया है।
0 कुछ नाम रिपीट,कुछ अलग
शिकायतकर्ता के मुताबिक जो सूची सरपंच-सचिव के द्वारा प्रबन्धन को दिया गया है उसमें कुछ व्यक्तियों का नाम एवं अकाउंट दो बार या तीन बार दर्शाया गया है। कुछ नए लड़कों का भी सूची दिया गया है जो न तो राशन कार्ड धारी हैं और राशन कार्ड में नाम है भी तो पत्नी का नाम और पति दोनों का नाम व अकाउंट दर्शाया गया है। जबकि पूरे परिवार में एक ही व्यक्ति को राखड़ भत्ता मिलना है। नए विवाहित लोगों के द्वारा भत्ता राशि मांगने पर उन्हें मना कर दिया जाता है और बोला जाता है कि आपका राशन कार्ड नहीं है तो आपको नहीं मिलेगा। इस प्रकार एनटीपीसी द्वारा ग्राम पंचायत धनरास को दी जाने वाली राखड़ भत्ता मुआवजा राशि में पंचायत द्वारा घोटाला किया जा रहा है साथ ही फर्जी बैंक का सील मोहर लगाने का भी आरोप है। इस प्रकार के घोटाले की कड़ी निंदा युवा कांग्रेस नेता ने की है।
युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव लक्ष्मीकांत कंवर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि धनरास राख़ड़ प्रभावित गांव में न जाने कितने लाख का घोटाला हुआ है, अगर जांच निष्पक्ष की जाए तो कई अनियमितता पाई जायेगी लेकिन लम्बे समय से शिकायत के बावजूद ना तो सही से जांच होती है और ना ही कार्यवाही।