कोरबा-दीपका। दक्षिण पूर्व कोयला क्षेत्र (SECL) के दीपका क्षेत्र में बोनस वितरण में देरी के खिलाफ जय अम्बे रोडलाइंस कंपनी के ड्राइवरों और मजदूरों ने मुख्य महाप्रबंधक (जीएम) कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजियों की गूंज से पूरा दफ्तर गुंजायमान हो गया, जबकि छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल ने प्रदर्शनकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष का नेतृत्व किया।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जय अम्बे रोडलाइंस कंपनी ने दीवाली से पहले वादा किए गए बोनस का भुगतान नहीं किया है। कंपनी के ड्राइवरों ने बताया कि वे SECL के लिए कोयला परिवहन का जिम्मा संभालते हैं, लेकिन महीनों की मेहनत के बावजूद उन्हें न्यूनतम बोनस भी नहीं मिला। हमारी मेहनत का फल हमें मिलना चाहिए। कंपनी प्रबंधन बोनस देने से बच रहा है, जबकि कानून के मुताबिक यह हमारा हक है, एक ड्राइवर ने नारेबाजी के दौरान कहा।मौके पर पहुंचे छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, “यह केवल बोनस की मांग नहीं, बल्कि मजदूरों के शोषण के खिलाफ आवाज है। गैर-सरकारी संगठन के तौर पर हम ड्राइवर भाइयों के साथ खड़े हैं। SECL और कंपनी प्रबंधन को तत्काल बोनस वितरित करना होगा, वरना आंदोलन और तेज होगा। उमागोपाल ने जीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बोनस भुगतान के साथ-साथ मजदूरों की अन्य मांगों जैसे समय पर वेतन और बेहतर कामकाजी स्थितियां को शामिल किया गया।SECL दीपका क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक ने प्रदर्शन के दौरान मौके पर पहुंचकर बातचीत की कोशिश की, लेकिन ड्राइवरों ने बिना बोनस के बातचीत से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने बताया कि मामला कंपनी स्तर पर है और जल्द समाधान की कोशिश की जा रही है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के अंदर बोनस नहीं मिला, तो परिवहन सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।यह घटना छत्तीसगढ़ के कोयला क्षेत्र में श्रमिक असंतोष की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। हाल ही में दंतेवाड़ा और अनूपपुर जैसे इलाकों में भी बोनस और रोजगार संबंधी विवादों पर प्रदर्शन हुए हैं। श्रम विभाग के नियमों के तहत, पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट 1965 के अनुसार, कंपनियों को अर्हता प्राप्त कर्मचारियों को न्यूनतम 8.33% बोनस देना अनिवार्य है। प्रदर्शनकारियों ने श्रम विभाग से हस्तक्षेप की मांग भी की है।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आंदोलन न केवल ड्राइवरों तक सीमित रहेगा, बल्कि अन्य ठेका मजदूरों को भी प्रेरित कर सकता है। फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और प्रशासन ने शांति बनाए रखने के निर्देश जारी किए हैं।