कोरबा। कोरबा जिले के ग्राम बुंदेली स्थित श्री श्याम अखाड़ा परिसर में 11वाँ श्री श्याम अखाड़ा इस वर्ष अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ। बाबा श्याम के दरबार में आयोजित इस जागरण ने न केवल ग्राम बुंदेली बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी भक्तिमय वातावरण से सराबोर कर दिया। श्रद्धालुओं की उपस्थिति और भजन प्रवाह का अद्भुत संगम इस आयोजन की ऐतिहासिक विशेषता बन गया।
शनिवार देर रात आयोजित इस जागरण में करीब 4000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। भजन गायकों की मधुर प्रस्तुतियों ने ऐसा समां बांधा कि पूरा परिसर “श्याम-श्याम” के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने बाबा श्याम के मनोहारी श्रृंगार का दर्शन किया और उनकी अलौकिक छवि को निहारते रहे। आयोजन समिति की ओर से की गई सुसंगठित व्यवस्था ने श्रद्धालुओं की भक्ति को और भी सरल व आनंदमय बना दिया। पार्किंग से लेकर बैठक व्यवस्था तक हर स्तर पर समुचित प्रबंधन ने समिति की तत्परता को दर्शाया।
भव्य श्रृंगार और श्याम रसोई बनी आकर्षण का केंद्र
बाबा श्याम का श्रृंगार इस अवसर पर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। पुष्प सज्जा, रोशनी और भक्तिभाव से अलंकृत दरबार में हर कोई मंत्रमुग्ध होता रहा। वहीं, आयोजन समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए “श्याम रसोई” की व्यवस्था की गई थी, जहां भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर अपने जीवन को धन्य किया।
भजन संध्या में कोरबा के पूर्व विधायक एवं प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नगर निगम की महापौर संजू देवी राजपूत, सभापति नूतन सिंह ठाकुर सहित अनेक जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। मंच से अतिथियों ने बाबा श्याम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की।
0 श्याम मित्र मंडल को मिली सराहना
इस अवसर पर श्री श्याम मित्र मंडल, कोरबा द्वारा वर्षों से किए जा रहे “बाबा श्याम की अलख घर-घर पहुँचाने के प्रयास” की विशेष रूप से सराहना की गई। मंच से मंडल की निष्ठा व सेवा भावना का उल्लेख करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। श्रद्धालुओं ने भी श्याम मित्र मंडल की सेवा भावना की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बताया।
0 श्रद्धा और उत्साह का संगम
रात्रि भर चले इस जागरण में भक्ति, उल्लास और अनुशासन का अद्भुत संगम देखने को मिला। भक्तों ने भावविभोर होकर बाबा श्याम के भजनों पर झूमते हुए अपनी आस्था प्रकट की। कार्यक्रम की समाप्ति पर बाबा श्याम के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने अगले वर्ष पुनः इस महोत्सव में सम्मिलित होने का संकल्प लिया।