कोरबा। बुधवार की देर शाम तक एक गोष्ठी के आयोजन में लोगों से हंसते-खिलखिलाते,कविताएं सुनाते हुए मुखातिब होते रहे सुरेशचंद्र रोहरा के निधन का समाचार इस हंसी-खुशी वाले पल के बाद चंद घंटे के भीतर जैसे ही लोगों के बीच फैला, उन्हें जानने वाले लोग स्तब्ध रह गए।
एकाएक चिरनिद्रा में लीन हुए सुरेश चंद्र रोहरा ने “रोहरानंद” के रूप में अपनी साहित्यिक पहचान स्थापित की। उनका इस तरह से आकस्मिक चले जाना उनके परिजनों के साथ-साथ करीबियों और आत्मिक जुड़ाव रखने वालों के लिए अपूरणीय क्षति से कम नहीं।
कोरबा प्रेस क्लब का वरिष्ठ सदस्य होने के साथ-साथ वे प्रगतिशील लेखक संघ,कोरबा के अध्यक्ष, पूज्य सिंधी पंचायत,कोरबा के मीडिया प्रभारी, अधिवक्ता, कवि, साहित्यकार, लेखक, रचनाकार भी थे।
उन्हें अपना गुरू मानने वाले पत्रकार प्रकाश साहू स्मृतियों को ताजा करते हुए बताते हैं कि वर्ष 1993 से उन्होंने (श्री रोहरा) पत्रकारिता जगत में कदम रखा। महाकौशल, अग्रदूत, कोरबा कश्यप, आज की जनधारा जैसे नामचीन अखबारों में उन्होंने अपनी लेखनी को रेखांकित किया। वर्तमान में वे रायपुर व कोरबा से प्रकाशित दैनिक लोक सदन के संपादक का दायित्व निभा रहे थे। सुरेश चंद्र रोहरा की रचनाएं प्रसिद्ध पत्रिका सरस सलिल, मनोहर कहानियां,सत्य कथा में भी प्रकाशित होती रही हैं। उन्होंने अपने जीवन का एक लंबा समय साहित्य के लिए समर्पित किया और साहित्यकारों के साथ जुड़कर साहित्यिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अपनी महती भूमिका निभाते रहे। उन्होंने अपने पत्रकार मित्र स्व.रमेश पासवान की स्मृतियों की चिर स्थाई रखने के लिए रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान की शुरुआत की।
उनका इस तरह से आकस्मिक चले जाना न सिर्फ स्तब्ध कर देने वाला है बल्कि अनेक लोगों को इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा कि “रोहरानंद” अब उनके बीच नहीं रहे। वह अपने पीछे एक पुत्र सहित भरा-पूरा परिवार 9 अप्रैल 2025 की रात महज 57 वर्ष की आयु में रोता-बिलखता छोड़ कर चले गए। उनकी अंतिम यात्रा गुरुवार शाम 4 बजे शहीद हेमू कालानी नगर रानी रोड सिंधी गुरुद्वारा के पास स्थित निवास से प्रारंभ हुई। मोतीसागर स्थित मुक्तिधाम में उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित नगरजनों, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, साहित्यकारों ने अपने इस जीवट शिष्य-गुरु-मित्र-सखा-बंधु को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
“सत्यसंवाद” उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है। कोरबा प्रेस क्लब, प्रगतिशील लेखक संघ, नगर के साहित्यकारों, अधिवक्ता संघ, पूज्य सिंधी पंचायत ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
