0 दो साल से न रुपए लौटा रहा न फोन उठा रहा, रुपए देने वाली महिलाएं परेशान
कोरबा। कलेक्टर से पहचान होने व नौकरी लगवा देने का झांसा देकर एक अधिवक्ता ने 8 महिलाओं और उनके पतियों से हजारों रुपए वसूल लिया। दो साल पहले रुपए वसूलने के बाद इस अधिवक्ता के दर्शन दुर्लभ हो गए। वह न तो नौकरी लगवा पाया और न ही रुपए लौटा रहा है बल्कि पीडि़तों का फोन उठाना भी बंद कर दिया है। परेशान ग्रामीणों ने अधिवक्ता की तलाश जारी रखने के साथ ही अपनी यह पीड़ा उजागर की है।
दरअसल कटघोरा विकासखण्ड के कस्तूरबा कन्या आश्रम में दो साल पहले काम करने वाले रसोईया और चौकीदार को पुरुष होने का हवाला देकर काम से हटा दिया गया। इसके बाद काम की तलाश में लगे इन लोगों के साथ-साथ इनकी पत्नियों ने भी दोबारा काम मिल जाने की कोशिश जारी रखी। पीडि़त 8 महिलाओं में से एक महिला की पहचान उक्त अधिवक्ता से थी। अधिवक्ता ने इन्हें अपनी पहचान अधिकारियों से होने तथा कलेक्टर के माध्यम से फिर से काम दिलवा देने का झांसा दिया। इनसे 13 हजार से लेकर 20 हजार रुपए प्रति व्यक्ति रुपए लिए गए। पीडि़ता ने बताया कि दो साल से भी अधिक समय पहले कलेक्टर कार्यालय के बाहर उन्होंने वकील को पैसे दिए। अधिवक्ता ने दीपावली तक नौकरी लगवा देने की बात कही लेकिन 2 दिवाली निकल गई, न काम का पता है न रुपए वापसी का। पीडि़ता ने यह भी बताया कि उसके पति ने काम के लिए सरपंच को भी रुपए दे दिए थे। दोनों तरफ से धोखा ही मिला है। दो साल से नौकरी की आस में लगे इन 8 परिवारों को अधिवक्ता से मुलाकात का इंतजार है और अधिवक्ता है कि इनका फोन उठाने का नाम नहीं ले रहा। पीडि़तों ने जल्द ही इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर व एसपी से करने की बात कही है।