कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस कार्यकाल में किये गये भ्रष्टाचार को सामने लाकर भाजपा की सरकार बनाने में जिन नेताओं ने किरदार निभाया, पार्टी उन्हें शासन स्तर पर दायित्व देने के बजाय उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझ रही है। इस रवैये से उनके समर्थकों में नाराजगी देखने-सुनने को मिल रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल में कई प्रकार के भ्रष्टाचार को सामने लाने में भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने अथक प्रयास किया जिनको भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा में शामिल भी किया गया। ये विषय भाजपा का चुनावी मुद्दा भी बने लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही ननकी राम कंवर के द्वारा किए गए कार्यों को पार्टी शायद भूल गई है, ऐसा उनके समर्थकों का मानना है। ननकी राम कंवर ने अपने करीबी सलाहकार के माध्यम से कांग्रेस कार्यकाल में हुए कई भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाया, जिसकी छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने में अहम भूमिका भी रही, यह बात किसी से छिपी नहीं है।
प्रदेश में PSC घोटाला भाजपा का सबसे बड़ी चुनावी मुद्दा बना। ननकी राम कंवर के द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को पीएससी घोटाला पर कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखे जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर ननकी राम कंवर ने उच्च न्यायालय के संज्ञान में इस घोटाले को लाया। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद सीबीआई जांच करने की मांग रखी थी जिससे कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी कर रहे परीक्षार्थी एवं उनके परिवार के लोगों ने भाजपा पर विश्वास जताया और प्रदेश के खासकर शहरी क्षेत्र से युवा वर्गों से जुड़े लोगों ने भाजपा को भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के कारण बढ़ चढ़कर वोट किया। अब इसमें सोचने वाली बात यह है कि ननकी राम कंवर को केंद्र सरकार व राज्य सरकार सहित उच्च न्यायालय के संज्ञान में पीएससी घोटाला लाने के लिए एवं कौन परीक्षार्थी किसका रिश्तेदार है यह सब की जानकारी जिन सलाहकार ने ननकी राम कंवर को दिया, वह सब जानकारी जुटाने में कितना समय लगा होगा,समझा जा सकता है लेकिन पार्टी को ना तो ननकी राम कंवर की चिंता है और ना ही उनके सलाहकार की, यह देखने में आया है।
ननकी राम कंवर के द्वारा ही शराब घोटाले को लेकर केंद्र सरकार को ए.पी. त्रिपाठी महाप्रबंधक छत्तीसगढ़ स्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड आबकारी सहित कई सफेदपोश लोगों के विरुद्ध डाटा उपलब्ध कराकर शिकायत किया गया था। इसके बाद शराब घोटाला भाजपा का चुनावी मुद्दा बना जिसमें रायपुर के महापौर के भाई एवं अधिकारी जेल की हवा खा रहे हैं। जिनका तार दिल्ली सहित झारखंड से जुड़ा हुआ है,यह जांच में स्पष्ट रूप से सामने आया है, लेकिन इतना बड़ा घोटाले को सामने लाने वाले ननकीराम कंवर जैसे वरिष्ठ आदिवासी नेता की चिंता पार्टी नहीं कर रही है और न ही यह सब केंद्र सरकार के संज्ञान में लाने वाले लोगों की चिंता पार्टी को है।
इसी तरह कांग्रेस कार्यकाल में हुए कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला, जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार सहित जमीन घोटाला जैसे कई घोटालों का पर्दाफाश ननकी राम कंवर के द्वारा किया गया जिनके कारण कई सफेदपोश अधिकारी और नेता सलाखों के पीछे हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने ननकी राम कंवर जैसे वरिष्ठ आदिवासी नेता जिनकी संपूर्ण भारतवर्ष में चौथे नंबर के सीनियर लीडर के रूप में गिनती होती है, उनके पार्टी ने ना तो राज्यसभा में जगह दिया और ना ही उन्हें प्रथम नागरिक जैसे अहम पद पर जिम्मेदारी दी गई। कांग्रेस के कार्यकाल में हुए विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार को सामने लाने में ननकी राम कंवर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा साथ रहने वाले नजदीकी सलाहकार सहित परिवारजनों में से भी किसी को भी छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद शासन स्तर पर निगम, मंडल, आयोग व प्राधिकरण में भी जगह नहीं दिया गया बल्कि ननकी राम कंवर को विधानसभा चुनाव मे हराने में जिन भाजपा के नेताओं या अधिकारियों ने विरुद्ध में कार्य किया, उन नेताओं और अधिकारियों को सरकार बनते ही प्रोत्साहित किया गया।
यह आरोप ननकी राम कंवर आए दिन अपने पार्टी के नेताओं के विरुद्ध लगाते भी रहते हैं लेकिन पार्टी उन नेताओं और अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें प्रोत्साहित करती है,ऐसा भी आरोप समर्थकों का है। इससे अनुमान लगता है कि ननकी राम कंवर की पार्टी उपेक्षा करने में लगी हुई है।
ननकी राम कंवर की मानें तो सरकार में चहेरा जरूर बदल गया है लेकिन आज भी सरकार में बैठे अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं। सरकार के नियंत्रण से अधिकारी ऊपर नजर आ रहे हैं। इस तरह का आरोप ननकीराम कंवर लगातार लगाते रहे हैं। रेत माफिया, भू माफिया आज भी फल-फूल रहे हैं। यहां तक देखा गया है कि ननकी राम कंवर जैसे सीनियर लीडर को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगना पड़ा लेकिन प्रशासन जब उन्हें जानकारी नहीं दे रहा है तो आम लोगों की क्या बात की जाए! आखिरकार ननकी राम कंवर को जानकारी देने में अधिकारी डर क्यों रहे हैं? जब भाजपा की सरकार ईमानदार है, अधिकारी ईमानदार हैं और सरकार का कार्य भी ईमानदारी से हो रहा है तो ननकीराम कंवर को जानकारी भी ईमानदारी से देना चाहिए।
कोरबा जिले में फ्लोरा मैक्स कंपनी व उनके एजेंट के द्वारा करीब 40000 महिलाओं के साथ में ठगी किया गया जिस पर ननकी राम कंवर सर्वप्रथम महिलाओं के साथ में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे और उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार सहित राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा। उसके बाद उनके मुद्दा को कांग्रेस सांसद, महिला आयोग की अध्यक्ष सहित कांग्रेस संगठन के लोग ने भाजपा की सरकार व अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन कोरबा जिले के भाजपा के नेता महिलाओं की सुध तक लेना उचित नहीं समझे।
इस प्रकार से देखा जा रहा है कि ननकी राम कंवर जब विधायक रहे तो भी वे सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और आज जब वे विधायक नहीं हैं, फिर भी गलत को गलत और सही को सही कहने में चूकते नजर नहीं आते। ननकी राम कंवर और उनके सलाहकार की काबीलियत की कद्र पार्टी को करनी चाहिए व सुध लेकर पार्टी को ऐसे नेताओं को अहम जिम्मेदारी देना चाहिए लेकिन देखा जाता है कि इतर लोग कुर्सी पर बैठ जाते हैं जिससे संघर्षवान कार्यकर्ता उपेक्षित रह जाते हैं। इसका खामियाजा पार्टी को आगामी चुनाव में भुगतना भी पड़ता है इसलिए पार्टी को भी समय रहते ऐसे कार्यकर्ता और नेताओं की चिंता करनी चाहिए और उनको जिम्मेदारी देना चाहिए जिससे पार्टी की छवि सुधरेगी और पार्टी को मजबूत सरकार चलाने में अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।