0 मुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री से मिले ननकी राम कंवर
कोरबा। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आयुक्त बिलासपुर संभाग को ग्राम पंचायत रजगामार में की जा रही गलत कार्यवाही को तत्काल रोकने के संबंध में राज्य स्तरीय टीम से जाँच कराने का निर्देश दिया है।
महिला आदिवासी सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार रामूला राठिया को उच्च न्यायालय बिलासपुर से राहत दिया गया है। आरोप है कि उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध जाकर ग्राम पंचायत रजगामार का गलत जाँच कर अनावश्यक परेशान कर प्रताड़ित किया जा रहा है जिसके संबंध में ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पंचायत मंत्री विजय शर्मा सहित मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारिक को पत्र लिखकर उनसे भेट कर अवगत कराया।
इन्हें बताया गया कि रजगामार की सरपंच आदिवासी महिला है जिन्होंने 15वे वित्त आयोग मद से कार्य कराया है जिसका कई कार्यो का मूल्यांकन और सत्यापन कर राशि भुगतान कराया गया है परन्तु उपसरपंच की शिकायत पर दबाव बनाकर आदिवासी सरपंच को जानबूझ कर परेशान करने के लिए काम हो रहा है।
सरपंच के द्वारा जो कार्य 15वे वित्त मद से कराया गया है उसका जाँच नहीं किया जाना और सम्पूर्ण राशि को वसूली मानकर कलेक्टर के निर्देश पर सरपंच के विरुद्ध गलत कार्यवाही की जा रही है जिसको तत्काल रोक लगाने और राज्य स्तरीय टीम से जाँच करने की मांग किया गया है।
इसी तरह रजगामार पंचायत को प्राप्त अधिकार का हनन करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अनुमोदन से राशि आहरण करने का निदेश बिना कोई नियम के देना प्रशासन की गलत कार्यवाही को दर्शाता है। इस आदेश को तत्काल समाप्त करने का आग्रह किया गया है।
ग्राम पंचायत रजगामार में विधायक मद और जिला खनिज न्यास मद सहित पंचायत मद से कराये गए निर्माण कार्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे सरपंच को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड रहा है। उसका भुगतान तत्काल करने के लिए पत्र लिखा गया है जिसको छत्तिसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारिक ने संज्ञान में लेते हुए आर.के शर्मा अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त बिलासपुर संभाग को नोटिस जारी कर ग्राम पंचायत रजगामार पर गलत कार्यवाही को तत्काल रोककर पंचायत के विरुद्ध शिकायत की जाँच राज्य स्तरीय टीम से करने बाबत निर्देश जारी किया गया है ।
ननकीराम कंवर ने श्रीमती रामूला राठिया सरपंच के विरुद्ध राजनीतिक दबाव में दूषित मानसिकता से की जा रही गलत कार्यवाही पर राज्यस्तरीय जाँच करने की मांग की है ।
बताया गया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासन काल में श्रीमती रामूला राठिया के विरुद्ध सुश्री जुली तिर्की उपसंचालक (पंचायत) व तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नूतन कंवर के द्वारा कांग्रेस के नेताओ के दबाव में आदिवासी महिला सरपंच को बिना गलती के अपने अधिनस्थ अधिकारी को रजगामार पंचायत का जाँच दल गठन कर व दबाव देकर मनगढ़ंत फर्जी रिपोर्ट तैयार किया गया जिसमे रजगामार सरपंच / सचिव के विरुद्ध 1,56,00000/- (एक करोड़ छप्पन लाख रुपये) का शासकीय राशि गबन का आरोप लगाकर पुलिस चौकी रजगामार में एफ.आई.आर क्रमांक 0253 दिनांक 10/04/2023 को आई.पी.सी. की धारा 406,409,34 के तहत झूठा अपराध अपराध दर्ज कराया गया। और पूर्ण रूप से दोषी उपसरपंच जितेन्द्र राठौर को अभयदान दिया गया, उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी व उप संचालक (पंचायत) के द्वारा ग्राम पंचायत रजगामार में शासकीय राशि में अनियमितता का आरोप लगाकर 1,56,00000 रुपए गबन का आरोप लगाते हुए झूठा एफ.आई.आर क्रमांक 0253 दिनांक 10/04/2023 को आई.पी.सी. की धारा 406,409,34 के तहत कराया गया था । अब उसी मामले के अब पुनः कुछ कार्यो का जाँच कराने के बाद 1,56,00000 का गबन न मानकर 72,05139 /- रुपये का अनियमितता बताकर सरपंच / सचिव ग्राम पंचायत रजगामार से समान अनुपात में राशि वसूली करने का एक पक्षीय आदेश क्रमांक 3980/पंचा./शिका./2024 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा द्वारा दिनांक 29/08/24 को अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग कोरबा को जारी किया गया,जबकि जो कार्य में प्रशासन के द्वारा पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी किया गया है उन कार्यो के राशि का भी वसूली किया जा रहा है। सरपंच के द्वारा अपने पंचायत में बहुत सारे कार्य और भी कराये गए हैं। इससे स्पष्ट है कि सभी कराये गए कार्यो का भुगतान राशि की कटौती किये बगैर सरपंच का पक्ष सुने बगैर आनन-फानन में झूठा व मनगढ़ंत एफ.आई.आर दर्ज कराया गया था।वर्तमान में भी अधूरे जाँच पश्चात राशि वसूली का प्रकरण चलाया जा रहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत रजगामार की जाँच में अंतिम निष्कर्ष के पूर्व श्रीमती रामूला राठिया सरपंच को किसी तरह से कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया, उनका पक्ष नहीं सुना नहीं गया और एक पक्षीय वसूली प्रकरण बनाया गया।
न ही तत्कालीन सचिव ईश्वर धिरहे को कोई नोटिस दिया गया है और न उनका पक्ष लिया गया और न ही जाँच में उन्हें बुलाया गया। इस तरह एक पक्षीय वसूली आदेश अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग कोरबा को जारी कर दिया गया एवं उक्त आदेश पर अनुविभागीय अधिकारी रा. तहसील कोरबा द्वारा वसूली प्रकरण चलाया जा रहा है जो उचित नहीं है क्योकि उच्च न्यायालय बिलासपुर ने सरपंच को जब निलंबन आदेश की सुनवाई करते समय अपराधी माना ही नहीं है तो किस अपराध पर कार्यवाही की जा रही है ?
सरपंच के विरुद्ध एफ.आई.आर दिनांक 10/04/2023 को दर्ज कराया गया लेकिन 20 माह बीत जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा जिला न्यायालय के समक्ष चार्जशीट प्रस्तुत नहीं किया जा सका है, इस कारण से जिला एवं सत्र न्यायालय का कोई निर्णय नहीं आया है। समस्त प्रकरण की निष्पक्ष जाँच राज्य स्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से कराने का मांग किया गया है।