0 कांग्रेस में हार-बयानबाजी-आरोप-निष्कासन
-इस्तीफ़ा के बाद बढ़ने लगा है विरोध
व्यक्तिगत आरोपों के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना भी शुरू कर दिया..वहीं कांग्रेस में मचे घमसान पर बीजेपी ने तंज कसा है. औऱ कहा कि निष्कासन से आरोप धुल नहीं जाएंगे. कांग्रेस सत्ता में थी तो सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया. कांग्रेस ने संगठन में भी भ्रष्टाचार किया, यह भेद कांग्रेस के। नेता ही उजागर कर रहे हैं
रायपुर। छतीसगढ़ में कांग्रेस के हाथ से सत्ता जाते ही कांग्रेस में बवाल मचने लगा औऱ अब स्थिति यह हैं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है,इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में पड़ सकता है, इसकी चिंता भी कांग्रेस हाईकमान को सता रही हैं। ऐसा इस लिए माना जा रहा है क्योंकि पार्टी ने पिछले कुछ दिनों के भीतर तीन पूर्व विधायकों को नोटिस, दो विधायक को निष्कासित, और एक कांग्रेस के दिग्गज ने इस बीच इस्तीफा दे दिया है। यह सब शुरू हुआ है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बदलने के बाद से। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बदली तो सबसे पहले रामानुजगंज पूर्व विधायक ने बृहस्पत सिंह ने छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी शैलजा और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए व्यक्तिगत आरोप लगया। वही दुसरी तरफ मनेन्द्रगढ़ के पूर्व विधायक विनय जयसवाल ने प्रदेश सह प्रभारी चंदन यादव पर 7 लाख रुपए लेने का गंभीर आरोप लगया है। इसके बाद कोरबा के पूर्व विधायक और प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री रहे मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पांच साल शासन पर सवाल खड़े करते हुए हार का ठीकरा फोड़ा तो दूसरी तरफ रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी महंत राम सुंदरदास ने हार के बाद जिम्मेदारी लेते हुए खुदको पार्टी से किनारे कर लिया। पार्टी में यह सब महज 10 दिनों के भीतर हुआ, जिसमें कांग्रेस ने दो पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जयसवाल को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
0 पूर्व विधायक बृहस्पत औऱ विनय पर आरोप
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल वह नेता है जिनका साल 2023 विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया गया था टिकट कटने से नाराज दोनों ही नेता, कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी शैलजा पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। इसी के साथ विनय जायसवाल ने सह प्रभारी चंदन यादव पर 7 लख रुपए लेकर भी टिकट न देने की बात कही थी। यह बेहद गंभीर आरोप थे जिसके बाद पार्टी ने संज्ञान लेते हुए दोनों को तीन दिनों के अंदर अपने जवाबों पर सफाई देने का नोटिस जारी किया। नोटिस में जवाबों से संतुष्ट ना होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों के खिलाफ 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासन का आदेश निकाल दिया है।
0 गोपनीय बैठक, यह भी नेता मौजूद..अब दिल्ली रवाना
बताया जा रहा है कि जैसे ही दोनों ही पूर्व विधायकों को निष्कासन की खबर लगी उसके बाद पूर्व विधायक विनय जायसवाल के घर गत गुरुवार को गोपनीय बैठक हुई। कांग्रेस के भीतर खाने से खबर यह है कि इस बैठक के बाद पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है। निष्कासित पूर्व विधायक के घर हुई इस बैठक में पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह के सांथ कई ऐसे नेता मौजूद थे जिनका विधानसभा के चुनाव में टिकट कटा है। ऐसे में पार्टी के खिलाफ जाकर इस तरह का काम करने की शिकायत भी कांग्रेस के बड़े नेताओं तक पहुंच चुकी है। हालांकि यह सब नेता क्या रणनीति बना रहे थे इसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है।लेकिन बैठक में शामिल पूर्व विधायकों का दल दिल्ली रवाना हुआ हैं जो कांग्रेस हाई कमान से मुलाकात कर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा के कारण छतीसगढ़ में हुई कांग्रेस की बड़ी हार के कारणों से अवगत उन्हें अवगत कराएगा।बता दे कि कांग्रेस ने करीब 22 मौजूदा विधायकों की टिकट काट दी थी।राज्य में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व विधायकों ने एकजुट होकर तमाम मंच में अपनी बात रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
0 कोरबा से लगा कांग्रेस सरकार के मुखिया पर आरोप
जयसिंह अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार के मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, इस चुनाव में एकजुटता नहीं थी, इस बार का चुनाव सेंट्रलाइज था। पिछले चुनाव में जो जनादेश मिला, उसका सरकार कदर नहीं कर पाई। मंत्रियों को पावर नहीं मिल पाई। एक ताकत सेंट्रलाइज होकर कुछ लोगों के साथ सरकार चलाती रही। मंत्रियों का जो जिले में प्रभाव होता है, उसे बाधित किया गया। इतना ही नहीं जयसिंह अग्रवाल ने संगठन के सर्वे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि, विधायकों के परफार्मेंस का सर्वे जो करवाया गया। उस सर्वे पर कभी चर्चा नहीं हुई, जो फर्जी सर्वे था।
0 महंत का कांग्रेस से इस्तीफा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के साथ ही कांग्रेस पार्टी में इस्तीफा का दौर शुरू हो गया है। जहां एक तरफ अनुशासनहीनता के नाम पर नेताओं को पार्टी से बाहर निकाला जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ नेता खुद इस्तीफा दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा में चुनाव में उनकी सबसे ज्यादा वोटो से हार बताते हुए हार की जिम्मेदारी खुद पर ली और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को इस्तीफा भेज दिया है।
0 बीजेपी ने कहा- कांग्रेस सरकार चलाए या संगठन
कांग्रेस में मचे घमसान पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि निष्कासन से आरोप धुल नहीं जाएंगे. कांग्रेस सत्ता में थी तो सिर्फ भ्रष्टाचार ही किया. कांग्रेस ने संगठन में भी भ्रष्टाचार किया, यह भेद कांग्रेस के नेता ही उजागर कर रहे हैं. बृहस्पत सिंह ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी को बिका हुआ बताया था और विनय जायसवाल ने सह-प्रभारी चंदन यादव को 7 लाख देने की बात कही थी. कांग्रेस में कितनी अंतर्कलह है, आपस में कितनी फूट है, कांग्रेस संगठन के अंदर क्या चल है. यह सब अब खुलकर सामने आ रहा है. कांग्रेस सरकार चलाए या संगठन चलाए, हर चीज का रेट फिक्स है. भ्रष्टाचार ही कांग्रेस को खत्म कर रहा है. आपस में यह लड़ रहे हैं.