कोरबा। नगर निगम चुनाव में वार्ड 26 (पं. रविशंकर नगर) में भाजपा और कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने यहां से किसी स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया, जिससे वार्ड के मतदाता नाराज दिख रहे हैं। भाजपा ने अजय विश्वकर्मा (निवासी – वार्ड 32, पोड़ीबहार) को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने रूपेश चंद्रा उर्फ छोटू (निवासी – दादरखुर्द नालापारा) को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, निर्दलीय अब्दुल रहमान, जो वार्ड के ही निवासी हैं, स्थानीयता के मुद्दे को भुनाने में जुटे हैं।
“बाहरी” नेताओं पर जनता की नाराजगी!
वार्ड के मतदाता इस बात से बेहद नाराज हैं कि दोनों प्रमुख पार्टियों ने उनके वार्ड को नजरअंदाज कर बाहरी लोगों को टिकट दिया। स्थानीय निवासी विनोद मिश्रा का कहना है, “क्या इस वार्ड में भाजपा-कांग्रेस को कोई काबिल प्रत्याशी नहीं मिला? ये पार्टियां सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए काम कर रही हैं।”
शांति यादव कहती हैं, “हमें वोट देने के लिए पांच साल बाद याद किया जाता है, और अब बाहरी उम्मीदवार थोप दिए गए हैं। ये लोग जीतने के बाद हमें पहचानेंगे भी नहीं!”
निर्दलीय को जनता का समर्थन?
निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच लगातार बैठकें कर रहे हैं और लोगों से कह रहे हैं, “क्या आपको अपने वार्ड का प्रतिनिधि चाहिए या बाहरी दलाल? जो लोग यहां के नहीं हैं, वे आपकी समस्याओं को हल नहीं करेंगे, बल्कि सिर्फ वोट लेकर चले जाएंगे!”
भाजपा-कांग्रेस की रणनीति सवालों के घेरे में!
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा और कांग्रेस ने जानबूझकर स्थानीय उम्मीदवार को टिकट क्यों नहीं दिया? क्या यह राजनीति की कोई गहरी चाल है, या फिर ये पार्टियां वार्ड 26 में स्थानीय नेतृत्व को ही खत्म करना चाहती हैं?
जनता का गुस्सा इस चुनाव में किसे फायदा पहुंचाएगा, यह तो नतीजे ही बताएंगे, लेकिन एक बात तय है—इस बार का मुकाबला केवल भाजपा बनाम कांग्रेस नहीं, बल्कि बाहरी बनाम स्थानीय का हो चुका है!