0 तेज तर्रार आईपीएस की नजरों से बच नहीं सका आरोपी
कोरबा। जिस युवती को साथ जीने-साथ मरने का सब्जबाग दिखाकर उसकी अस्मत से खिलवाड़ किया और जब वह उसके बच्चे की मां बनने लगी तो उसी प्रेमी ने बड़ी बेरहमी से गला घोंट कर मारा डाला। प्रेमिका को अपने रास्ते से हटाने के बाद प्रेमी को लगा कि उसकी करतूत कभी सामने नहीं आएगी और घाटियों की गहराई में राज दफन हो जाएगा। हत्या के बाद वह बड़े सुकून से चैन की बंशी बजाते हुए विवाह भी रचा लिया और उसके बच्चे भी हैं। पर, कहा गया है कि अपराध कैसा भी हो एक न एक दिन सामने आ ही जाता है और भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं, ये दोनों कहावत इस मामले में चरितार्थ हुई है। जिले में पदस्थ तेज तर्रार आईपीएस दर्री सीएसपी रॉबिंसन गुड़िया ने छिपे हुए अपराध के पन्ने खोलकर रख दिए तो वहीं लगभग चार साल से लापता युवती के परिजनों को अब जाकर लगा कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं और प्रेमी को उसके कर्म की सजा मिल गई है।
कोरबा जिले के बहुचर्चित एंकर सलमा सुलताना के लापता होने और फिर गुमशुदगी की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल देने के बाद एकाएक पुलिस के हाथ लगे सुराग ने पांच साल पुराना मामला सनसनीखेज तरीके से सामने लाकर रख गया। सड़क को खोदकर सलमा की लाश बरामद करने में आईपीएस रॉबिंसन गुड़िया और संयुक्त टीम के नेतृत्व की अहम भूमिका रही। तत्कालीन एसपी यू. उदय किरण ने इस मामले की तह तक जाने का मार्गदर्शन दिया। मौजूदा एसपी जितेन्द्र शुक्ला भी पुराने गुमशुदगी के मामलों की फाइल खुलवा दिए हैं। सवाल है कि आखिर इतने वर्षों से लापता लोग आखिर गए तो कहंां गए…? थाना प्रभारियों की लापरवाही से दब चुके लापता मामलों में शामिल लेमरू थाना अंतर्गत वनांचल ग्राम केउबहार की युवती 20 वर्षीय असीमा बड़ा पिता स्व. निर्मल बड़ा की मृत आत्मा को अब जाकर शांति मिली।
10 अक्टूबर 2020 से लापता असीमा का मामला सुलझाने के लिए एसपी जितेंद्र शुक्ला ने डीएसपी बेनेडिक्ट मिंज, दर्री सीएसपी आईपीएस रॉबिंसन गुड़िया के मार्गदर्शन में विशेष टीम तैयार कर थाना प्रभारी लेमरू एएसआई जितेंद्र यादव व स्टाफ तथा साइबर सेल प्रभारी एएसआई अजय सोनवानी और स्टाफ को जिम्मेदारी सौंपा। सभी पहलुओं का बारीकी से अध्ययन व गवाहों से पूछताछ में एक नई बात सामने आई कि असीमा बड़ा गुमशुदगी के समय दो माह की गर्भवती थी तथा प्रेमी अनसेलम लकड़ा गर्भ चेक कराने के लिये कम्पाउंडर के पास लेकर गया था। गर्भवती होना पता चलने पर अनसेलम ने गर्भपात कराने की दवा भी लिया था। इस बात की जानकारी होने पर इस तथ्य की तस्दीकी हेतु संबधित कम्पाउंडरों से पूछताछ कर पुष्टि किया गया। अनसेलम लकड़ा के पूर्व बयान में गर्भवती होने संबधी बात को छुपाना पाया गया। उसे तलब कर पूछताछ करने पर पहले तो गुमराह किया लेकिन कड़ाई पर उसने अपना जुर्म स्वीकारा।
घटना दिनांक को युवती अपने घर से निकली और गांव के युवक से लिफ्ट लेकर गांव के बाहर तक आई। इसके बाद प्रेमी अपने साथ मोटरसायकल में बिठाकर लेमरू-श्यांग मार्ग में टोपरघाट के जंगल की ओर ले गया और युवती के द्वारा गर्भपात नहीं करानेे पर रस्सी से गला घोंटकर लाश को खाई में फेंक दिया।
0 गहरी खाई में उतरे सीएसपी और पुलिस कर्मी
खुलासे के बाद आरोपी अनसेलम लकड़ा पिता जोसेफ लकड़ा 29 वर्ष केउबहार को घटनास्थल ले जाया गया। उसकी निशानदेही पर शव के अवशेष बरामद करने रस्सी के सहारे पुलिसकर्मी लगभग 40 से 50 फीट गहरी खाई में उतरे। सीएसपी रॉबिंसन गुड़िया भी मौके तक पहुंचे और अवशेषों के जप्ती की कार्रवाई की। मृतका की खोपड़ी एवं पांच अन्य अस्थियां, कपड़े, पायल आदि बरामद किए गए। आरोपी के विरुद्ध धारा 302, 201 भादवि का जुर्म दर्ज कर जेल दाखिल कराया गया। इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी लेंमरू जितेंद्र यादव, साइबर सेल प्रभारी अजय सोनवानी, प्रधान आरक्षक सुदेश तिर्की, चंद्रशेखर पांडे, गुनाराम सिन्हा, आरक्षक प्रशांत सिंह, जितेंद्र जायसवाल, डेमन ओगरे, विपिन नायक, विक्रम नारंग, दिनेश रत्नाकर की सराहनीय भूमिका रही।