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सरकार की अदूरदर्शी तबादला नीति से त्यौहार में बढ़ा आर्थिक संकट : सुरेन्द्र प्रताप

0 धान खरीदी विलम्ब से होने के कारण किसान बिचौलियों को धान बेचने मजबूर,दिवाली-एकादशी रहेगी फीकी

कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय निकायों/त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव से पहले लगातार तबादले किए जा रहे हैं। इन तबादलों से कोरबा आदिवासी बाहुल्य और औद्योगिक जिला भी प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा अधिकारियों के तबादलों को लेकर लिए जा रहे और अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय के कारण ठेकेदारों और उनके अधीन काम करने वाले ठेका व दिहाड़ी मजदूरों को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
पूर्व में शासन ने कोरबा जिला पंचायत के सीईओ का तबादला कर दिया किंतु इसके बाद आज पर्यंत किसी की पदस्थापना नहीं की जा सकी है। अभी शासन ने नगर निगम आयुक्त का भी तबादला आदेश जारी कर दिया है। निगम आयुक्त के द्वारा जिला सीईओ का भी कार्यभार संभाल जा रहा था, जिसके बाद निगम आयुक्त का भी तबादला कर देने से दो महत्वपूर्ण पद अधिकारी विहीन हो गए हैं। इसके कारण दोनों ही महत्वपूर्ण विभागों की फाइलें ठप्प पड़ चुकी हैं।
श्री जायसवाल ने कहा कि जिला पंचायत के अधीन आने वाले समस्त ग्राम पंचायतों के भुगतान जहां ठप्प पड़ गए हैं वहीं नगर पालिक निगम की फाईलों पर भी हस्ताक्षर नहीं हो रहे हैं। ऐसे में काम करने वाले ठेकेदारों से लेकर उनके अधीन काम करने वाले मजदूर तबके के गरीब लोगों पर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। अभी सबसे बड़ा त्योहार दीपावली है और जब फ़ाइलों में हस्ताक्षर नहीं होने से राशि जारी नहीं होगी तो उनके त्यौहार फीके रहेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने शासन के इस तरह के तबादला नीति की निंदा करते हुए कहा है कि पद रिक्त करने के साथ-साथ उस पद पर पूर्ति भी करना आवश्यक है किंतु यह सरकार आम लोगों की तकलीफों से, मजदूर वर्ग की परेशानियों से कोई वास्ता नहीं रखती इसलिए तबादला के मनमाने निर्णय लेकर रिक्त पदों को लंबे समय से भरने में रुचि नहीं ले रही है।

सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने धान खरीदी के मामले में एक नवंबर की तारीख को बढ़ाकर 15 नवंबर करने पर भी सरकार को घेरते हुए कहा है कि गलत नीतियों की वजह से किसान अपना धान बिचौलियों और व्यापारियों के पास बचने के लिए मजबूर है। किसान को धान खरीदी से काफी उम्मीद रहती है लेकिन सरकार ने इसके समय में वृद्धि कर दी है। दीपावली का त्यौहार के बाद आने वाली देवउठनी एकादशी का ग्रामीण अंचलों में खासा महत्व होता है। किसान इसे परंपरागत तरीके से मनाते हैं और यह उनके लिए बड़ा त्यौहार के समान है किंतु ऐसे वक्त में भी किसानों के पास उनकी फसल की उपज की कीमत हाथों में नहीं होगी। भाजपा सरकार में मजदूर से लेकर किसान गरीब और मध्यम वर्गीय तबका काफी हलाकान है किंतु सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने कहा है कि सरकार तत्काल प्रभाव से जिला सीईओ और निगम आयुक्त के लिए अधिकारी की पदस्थापना करे अन्यथा गलत की नीतियों का भविष्य में विरोध किया जाएगा।

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