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KORBA:पशु चिकित्सा उपसंचालक का तुगलकी फरमान

कोरबा। पशु चिकित्सा विभाग, जिला कोरबा के तुगलकी फरमान से जिला कोरबा अंतर्गत अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि पशु चिकित्सा विभाग कोरबा के जिला के मुखिया उपसंचालक एसपी सिंह द्वारा एक लिखित आदेश निकालकर 25 अक्टूबर से फरवरी 2025 तक पशु संगणना के पूर्ण होते तक किसी भी कर्मचारी को छुट्टी लेने हेतु सीधा जिला से उपसंचालक की अनुमति लेनी होगी । जिला के नीचे विकासखंड और चिकित्सालय तथा औषधालय की संरचना बनी हुई है किंतु वर्तमान में जारी आदेश अनुसार सबसे अंतिम स्तर के कर्मचारी को छुट्टी के लिए जिला मुख्यालय पर अर्जी लगानी पड़ेगी। एक प्रकार से यह प्रशासनिक विसंगति के साथ साथ तुगलकी फरमान साबित हो रहा है। इस आदेश में 25 अक्टूबर से फरवरी 2025 तक किसी भी कर्मचारी को एक दिन भी छुट्टी लेना रहेगा तो जिला मुख्यालय कोरबा आकर आवेदन स्वीकृत कराना पड़ेगा। कुल मिलाकर शासकीय प्रक्रिया को किस कदर जटिल कर दिया गया है। विभागीय कर्मचारी दबे जुबान स्वीकार कर रहे हैं कि अधिकारी तो अधिकारी का साथ देते हैं और उन्हें छुट्टी मिल भी जाती है लेकिन निचले स्तर के कर्मचारी को छुट्टी लेना रहे तो प्रक्रिया जिला स्तर पर पूर्ण होगी है, यह बहुत ही असंगत है। उपरोक्त आदेश 18 नवंबर 2024 को जारी हुआ है लेकिन आदेश का पालन 25 अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक होगा यह भी अव्यवहारिक है। चुनाव आचार संहिता के दौरान भी ऐसा आदेश जारी नहीं किया जाता है। पशु संगणना कार्य में लगे कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा संगणना संपन्न किया जा रहा लेकिन छुट्टी पर प्रतिबंध का आदेश समस्त विभागीय अमले पर लगाया जा रहा। पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक ऐसे ही नए नए गतिविधियों से चर्चा में बने रहते हैं। विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय विषयों पर भी इनकी कार्यशैली चर्चित रहती है। विभागीय कर्मचारी दबे जुबान इस आदेश को निरस्त कर पूर्व में स्थापित विभागीय व्यवस्था अनुसार अवकाश मिले, ऐसा चाह रहे हैं।

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