KORBA:भू-विस्थापितों में भड़का आक्रोश,वैकल्पिक रोजगार हेतु नई कमेटी गठन पर गहरी आपत्ति
कोरबा। कुसमुंडा कोयला खदान प्रभावित ग्रामों के भू विस्थापितों द्वारा कमेटी गठन को लेकर प्रबंधन के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराया गया है। विभिन्न दर्जन भर भूविस्थापित संगठनों ने बेरोजगारों हेतु कमेटी गठन को लेकर प्रबंधन पर आरोप लगाया है की वैकल्पिक रोजगार हेतु प्रबंधन द्वारा बार-बार नई कमेटी के गठन के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि पहले से वैकल्पिक रोजगार के लिए एक समिति सक्रिय है। इनका कहना है की नई कमेटी के जरिए भू – विस्थापितों को रोजगार से वंचित कर ठेकेदारों और कोल ट्रांसपोर्टरों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
इस सम्बंध में विभिन्न भू विस्थापित संगठनों ने कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा, महाप्रबंधक एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र, महाप्रबंधक खनन कुसमुंडा परियोजना को आज अलग-अलग ज्ञापन सौंपा है।
कहा गया है कि वैकल्पिक रोजगार हेतु कमेटी गठन पर हम भूविस्थापित ग्रामीणों को आपत्ति है। आपको विदित होगा कि दिनांक 12.11.2024 को समस्त कुसमुंडा खदान के भूविस्थापित ग्रामीणों द्वारा कमेटी गठन पर आपत्ति हेतु आपको पूर्व में आवेदन दिया जा चुका है। किंतु आपके द्वारा बार-बार कमेटी गठन हेतु पत्र प्रेषित किया जा रहा है।जबरन कमेटी गठन कर आपके द्वारा प्रत्यक्ष भू विस्थापित को रोजगार से वंचित करना चाहते हैं तथा अपने चहेते ठेकेदार एवं कोल ट्रांसपोर्टरों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कमेटी का गठन किया जा रहा है जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। हमारे क्षेत्र में पहले से ही वैकल्पिक रोजगार हेतु भू विस्थापित्त समिति का गठन हो चुका है जिसके माध्यम से नीलकंठ एवं गोदावरी कंपनी में लगभग 700-800 बेरोजगारों को रोजगार मिल चुका है, बचे हुए बेरोजगार के रोजगार हेतु प्रयास किया जा रहा है तथा नयी समिति गठन पर तत्काल रोक लगाया जाए। अन्यथा हम प्रत्यक्ष भू विस्थापित ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन की होगी।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि धूल डस्ट की सफाई, छोटे खातेदार को शासकीय रोजगार, पानी छिड़काव, हैवी ब्लासटिंग रोकने, सीएसआर/डीएमएफ मद से क्षेत्र के शिक्षा चिकित्सा, पेयजल की समस्या, इत्यादि समस्याओं के निराकरण हेतु नया समिति का गठन करने की कृपा करें।