कोरबा। 4 दिसम्बर को भिखारी डेरा में मृत मिले वृध्द पति-पत्नी की संदिग्ध मौत का मामला सुलझा लिया गया है।
कुसमुंडा थाना में दर्ज अपराध क्र. 392/24 धारा 103(1),238,3 (2) बीएनएस के मामले में मृतक वासुदेव पिता शत्रुहन यादव 66 वर्ष व मृतका शांता यादव पति वासुदेव यादव 64 वर्ष निवासी भिखारीडेरा बरेठ मोहल्ला चौकी सर्वमंगला की हत्या के आरोप में शेख रमजान अली पिता मो. शेख अब्बास अली 32 वर्ष निवासी भिखारीडेरा को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया गया है। मुख्य आरोपी अभी फरार है।
पुलिस सहायता केन्द्र सर्वमंगला द्वारा मर्ग क्र. 58/2024 व 59/2024 धारा 194 बीएनएस कायम कर जांच के दौरान घटनास्थल का निरीक्षण कर शवों को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया। पीएम रिपोर्ट में वासुदेव यादव की मृत्यु गला घोंटने एवं सीना में दबाने से पसलियों के टूटने से अत्यधिक रक्त स्त्राव एवं शांता यादव की मृत्यु गला दबाने से होना पाये जाने पर प्रकरण में धारा 103(1) बीएनएस पंजीबद्ध किया गया।
0 आपत्तिजनक हालत में देख लिया था पति ने
कुसमुंडा थाना में पत्रवार्ता आहूत कर दर्री सीएसपी द्वारा बताया गया कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन व निर्देशों के परिपालन में एवं थाना प्रभारी कुसमुण्डा निरीक्षक रूपक शर्मा के नेतृत्व में चौकी प्रभारी सर्वमंगला एएसआई विभव तिवारी ने मातहत कर्मचारियों के साथ विवेचना शुरू की। चश्मदीद मुखबिर से ज्ञात हुआ कि घटना दिनांक 3 दिसम्बर के रात्रि 9 बजे भिखारीडेरा में बोर के पास कमल सतनामी, बबला उर्फ शेख रमजान अली एवं वासुदेव यादव बैठकर शराब पिये। कुछ समय बाद मृतक वासुदेव यादव के घर में कमल सतनामी जाते हुए दिखा। थोड़ी देर में वासुदेव अपने घर लौटा तो पत्नी को जमीन पर और कमल सतनामी को आपत्तिजनक हालत में देखा। यह देखकर वासुदेव ने कमल को क्या कर रहे हो बोला तो उतने में कमल सतनामी ने वासुदेव यादव को लात से मारा फिर जमीन पर गिर जाने से कमल सतनामी द्वारा पैर से जोर- जोर से वासुदेव के सीने को दबाया।
यह देख शांता यादव बोली कि मेरे पति को क्यों मार रहे हो, मैं सबको बताऊँगी, बोलने पर कमल सतनामी ने शांता यादव के गला को हाथ से जोर से दबा दिया और शेख रमजान उसके दोनों पैरों को पकड़ कर रखा था।
चश्मदीद के इस खुलासे के बाद बबला उर्फ शेख रमजान अली को तलब कर पूछताछ करने पर उसने अपराध करना स्वीकार किया। घटनास्थल के पास फेंके गए शराब की शीशी एवं डिस्पोजल को जप्त किया गया। प्रकरण में बचने के लिए चौकी में पति-पत्नी के मौत की सूचना उसने दिया था। इस तरह साक्ष्य छिपाने व एक से अधिक आरोपी होने से पूर्व दर्ज धारा में 238, 3(5) बीएनएस जोड़ा गया है।
उपरोक्त कार्यवाही में उप निरीक्षक रफीक खान, एएसआई विभव तिवारी, लक्ष्मी प्रसाद रात्रे, प्रधान आरक्षक शिव जायसवाल, आरक्षक गजानंद यादव, केशव कंवर, दिपेश प्रधान, दुर्गेश डनसेना, नगर सैनिक सुखनंदन टण्डन एवं विजेता कुमार की मुख्य भूमिका रही।