0 पुलिस में fir के बाद विभागीय जाँच चल रही
महासमुंद/रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में दी गई पदोन्नति में फर्जीवाड़ा हुआ है…? एक उप यंत्री के विरुद्ध विभागीय जांच जारी रहने के बावजूद उसे पदोन्नति प्रदान कर दी गई है।
नशा के हालत में पाए गए res उपयंत्री राजेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई। आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरण के बाद उन्हें निलंबित किया गया। उन्होंने निलंबन को चुनौती दी और न्यायालय के आदेश उपरांत उनकी बहाली कर दी गई। राजेश कुमार गुप्ता के विरुद्ध विभागीय जांच अभी निराकृत नहीं हो पाई है लेकिन इस बीच वर्ष 2023 में जारी पदोन्नति सूची में शामिल कर उन्हें पदोन्नति प्रदान कर एसडीओ बना दिया गया है। अब जानकारों सहित महकमे में सवाल तैर रहा है कि आखिर विभागीय जांच जारी रहते और निराकृत हुए बगैर ही उन्हें पदोन्नति कैसे प्रदान कर दी गई? क्या जांच के तथ्यों को नजर अंदाज कर दिया गया,या फिर इसे फर्जीवाड़ा करने छुपाया गया है।
गौरतलब है कि राजेश कुमार गुप्ता, उप अभियंता, जनपद पंचायत महासमुन्द, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग महासमुन्द में कार्यरत रहे। दिनांक 28.08.2018 को जनपद पंचायत महासमुन्द परिसर में वे शराब के नशें में मदमस्त पाये गये जिसके कारण थाना सिटी कोतवाली में राजेश कुमार गुप्ता, उप अभियंता के विरूद्ध अपराध क्रमांक 419/18, 420/18, 421/18, 422/18 धारा 36 (च) (1) आबकारी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया। उप अभियंता का उक्त कृत्य छ.. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 23 (क) ग के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। इस संबंध में उन्हें निलंबित कर निलंबन अवधि में मुख्यालय जनपद पंचायत बसना निर्धारित किया गया।
श्री गुप्ता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत महासमुंद के निलंबन आदेश दिनांक 15.11.2018 के विरूद्ध उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर किया। उक्त याचिका में पारित निर्णय दिनांक 29.11.2018 के परिपालन में समग्र परीक्षणोपरात राजेश कुमार गुप्ता को निलंबन से बहाल किये जाने का प्रशासकीय निर्णय दिनांक 26.03.2019 को लिया गया। साथ ही विभागीय जांच बिठा दी गई है।
राज्य शासन द्वारा राजेश कुमार गुप्ता, को निलंबन से बहाल किया गया। श्री गुप्ता के निलंबन अवधि का निराकरण विभागीय जाँच के अंतिम निर्णय उपरांत पृथक से किया जावेगा।