0 अपने मन से दे रहे सड़क और स्थान को पहचान, अधिकारी भी ढर्रे पर चल रहे
कोरबा। किसी प्रमुख स्थान, सड़क, चौक-चौराहे-तिराहे का नामकरण उस व्यक्ति विशेष, महापुरुष के लिए महान सम्मान होता है, जिसके नाम पर उसे रखा जाता है। फिर उस नाम को सरकारी रिकार्ड से लेकर आम जनमानस के बीच चलन में लाया जाना है किन्तु कोरबा शहर सहित जिला में एक अलग ही ढर्रा चल रहा है। नगर पालिक निगम के अधिकारियों की उदासीनता के कारण अनेक चौराहे-तिराहे, उद्यान, आवासीय कालोनी नाम और कुछ प्रतिमा स्थापना के मामले में उपेक्षित हो रहे हैं।
इस विषय में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक पुराना कोरबा शहर में इतवारी बाजार तिराहा में मुंशी प्रेमचंद की मूर्ति स्थापना के साथ नामकरण का प्रस्ताव पारित हो चुका है किन्तु इस पर एक साल बाद भी अमल नहीं हो पाया है।
इसी तरह भगवान सहस्त्र बाहु के नाम पर गौमाता चौक स्थित उद्यान का नामकरण होना है। इनके अलावा घण्टाघर चौक का नाम परशुराम, रिसदी चौक का नाम दानवीर भामाशाह, बरबसपुर तिराहा का नाम सम्राट अशोक महान के नाम पर होना है।
इनके अलावा उद्यानों का नामकरण पंडित जवाहरलाल नेहरू, प्यारे लाल कंवर, मिनीमाता उद्यान, महाराणा प्रताप उद्यान, कृष्णा लाल जायसवाल उद्यान,भगत राम मनहर उद्यान,पंडित श्यामाचरण शुक्ल उद्यान,सरदार वल्लभ भाई पटेल नगर उद्यान,डॉ. प्रभात मिश्रा उद्यान, रामगोपाल तिवारी उद्यान,मां सर्वमंगला उद्यान, पं. विद्याचरण शुक्ल उद्यान, पं. रविशंकर शुक्ल उद्यान,अमर सिंह उद्यान,भीमराव अम्बेडकर उद्यान, दिलीप सिंह जूदेव उद्यान, भवानी लाल वर्मा उद्यान, रानी धनराज कंवर उद्यान,राजीव गांधी उद्यान, खूबचंद बघेल उद्यान,चंदूलाल चंद्राकर उद्यान, गुरु तेग बहादुर सिंह उद्यान, आनंद विहार,दानवीर भामाशाह, सम्राट अशोक महान, पं. जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा, वीर दुर्गा दास राठौर, शहीद विरसामुण्डा चौक, माताकर्मा, महाराजा अजमीढ जी, शहीद सीताराम कंवर, माताकर्मा संत गाडगे जी महाराज,अमर शहिद हेमू कालाणी,छत्तीसगढ़ महतारी, परशुराम, बिरसामुण्डा नगर, संत श्री कंवर राम, गुरु तेग बहादुर जी के नाम से उद्यान, चौक-चौराहा का नामकरण होना है। मात्र कुछ को छोड़कर अधिकांश महापुरुष, आराध्य के नाम से नामकरण लंबित हैं।