कोरबा। कलेक्टर की बार-बार चेतावनी और निर्देशों के बावजूद कई धान खरीदी केन्द्रों में मनमानी का सिलसिला जारी है। जिले के उतरदा धान खरीदी केंद्र और पाली ब्लाक अंतर्गत धतूरा के निकट कोरबी उपार्जन केंद्र को लेकर शिकायतें सामने आई है।
धान खरीदी केंद्र उतरता में तो स्पष्ट तौर पर देखने को मिला है जहां अलग-अलग बोरों में भरकर सिलाई करने के बाद धान का वजन मापदंड से बिल्कुल भी अलग है। किसी भी बोरी में सही मात्रा में धान का भंडारण नहीं होना पाया गया है। शासकीय तौर पर धान का मानक वजन प्रति बोरा 40 किलो और बोरा का वजन लगभग 500 से 600 ग्राम के अनुसार बोरा सहित कुल धान का वजन 40 किलो 580 से 40 किलो 600 ग्राम होना ही चाहिए। यदि इससे काम हुआ तो भी 40 किलो 400 ग्राम से धान किसी भी सूरत में काम नहीं होना चाहिए जो कि सूखत की स्थिति में माना जाता है। लेकिन उतरदा धन उपार्जन केंद्र में उसी दिन खरीदे गए धान को जब जूट की बोरियों में भरकर सिला गया और उसका वजन कराया गया तो सब में अलग-अलग वजन दर्शित हुए। इलेक्ट्रॉनिक कांटा में किसी बोरी का वजन 40 किलो तो कुछ में 39 किलो तक देखने को मिला।
बताया गया कि उपार्जन केंद्र में किसानों द्वारा लाए जाने वाले धान को सीधे बोरी में पलटी कराया जा रहा है। उसे ढाला करके बोरियों में भरने से परहेज किया जा रहा है। किसानों से तो पूरे वजन में धान लिया जा रहा है लेकिन इसके बाद बोरियों में भरते वक्त धांधली हो रही है। किसानों के धान में डंडी मार कर उपार्जन केन्द्रों में धांधली का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
0 कोरबी में भी मापदंड से अधिक ले रहे धान
पाली ब्लॉक के धतूरा के पास स्थित धान खरीदी केंद्र कोरबी के प्रबंधक सुमेन्द सिंह और फड़ प्रभारी शैलेन्द्र राठौर द्वारा मिलकर बड़े स्तर पर गरीब किसानों के धान की अफरा- तफरी का मामला सामने आया है।
कोरबी धान मंडी के प्रबंधक और फड़ प्रभारी द्वारा निर्धारित वजन से अधिक धान किसानों से लिया जा रहा है। किसानों से बोरों में धान का तौल 41 से 41.500 किलो तक लिया जा रहा है। प्रबंधक द्वारा किसानों को पहले ही बोल दिया गया है कि घर से धान का वजन 41 किलो से ऊपर तौल कर लावें। फड़ में किसानों द्वारा लाये धान की कट्टी को सीधे बोरी में पलटी करा दिया जाता है और सिर्फ दो-चार बोरियों को वजन करा कर देखा जाता है। जब उनके मुताबिक वजन मिल जाता है तो बाकी बोरियों को बिना तौल किये ही खरीदी कर ऑनलाइन चढ़ा दिया जाता है। शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसानों के द्वारा लाये गए धान को पहले ढाला किया जावे फिर बोरियों में भर के खरीदी की जाए किन्तु कोरबी के धान खरीदी केंद्र में कहीं पर भी ढाला नहीं किया जा रहा है।
0 पैसे लेकर काट रहे टोकन
कोरबी के कुछ किसानों ने नाम न बताने के शर्त पर जानकारी दी कि प्रबंधक सुमेन्द सिंह और फड़ प्रभारी शैलेंद्र राठौर द्वारा किसानों से पैसे लेकर टोकन काटा जाता है। धान खरीदी के लिए भी किसानों से अलग से पैसा लिया जा रहा है, जो किसान पैसे दे रहे उनका धान जल्दी खरीदा जा रहा है जो नहीं दे रहे उन्हें बैठाकर रखा जाता है। यहाँ तक कि पैसे देने के बाद खराब धानों को भी प्रबंधक और फड़ प्रभारी द्वारा ले लिया जाता है।
0 ड्रेनेज की नहीं है व्यवस्था, जमीन पर भंडारण
कोरबी धान खरीदी केंद्र में बिना ड्रेनेज के धान के बोरों को संग्रहित किया जा रहा है। चबूतरा के अलावा जमीन पर धान के बोरों का चट्टा लगाया जा रहा है जिसमें ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं है। जमीन पर संग्रहित धान को भीगने से नहीं रोका जा सकेगा।
0 पत्रकारों से अभद्रता का आरोप
शिकायत मिलने पर जब जिले के पत्रकारों ने धान खरीदी केंद्र में जाकर जानकारी लेनी चाही तो प्रबंधक सुमेन्द सिंह ने पत्रकारों से दुर्व्यवहार करते हुए तौल दिखाने और जानकारी देने से मना कर दिया। फड़ प्रभारी शैलेन्द्र राठौर ने बताया कि यहाँ पर ढाला नहीं किया जाता है और ड्रेनेज की व्यवस्था न होना भी स्वीकार किया। धान का आवक ज्यादा होने की वजह से बिना ड्रेनेज के जमीन पर स्टोर करना बताया।