0 माइनिंग आरक्षक संजू लहरे ने कल शाम पकड़ा एक JCB
कोरबा। प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित कोरबा जिले में भी प्रशासन तंत्र पर रेत तंत्र हावी है। अवैध रेत तंत्र को राजतंत्र के कुछ लोगों का काफी गहरे तक संरक्षण प्राप्त है और आलम यह है कि इस संरक्षण के बूते सरकार को लाखों नहीं बल्कि करोड़ों के रॉयल्टी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिस पैमाने पर नदियों से अवैध रेत खोदकर तमाम सरकारी और गैर सरकारी सहित निजी निर्माण में खपाई जा रही है, उसके मुकाबले में राजस्व की प्रति बहुत ही कम हो रही है। उदाहरण स्वरूप 10 वाहनों का रॉयल्टी पटा कर उसकी आड़ में 100 गाड़ी रेत खपाई जा रही है। राजतंत्र के सामने खनिज विभाग के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ बंधे हुए हैं। कार्रवाई करना चाहते हैं पर मजबूर भी हैं,क्योंकि राज तंत्र से जुड़े लोग जो चाहते हैं वैसा करना पड़ता है। इसका पूरा-पूरा फायदा उठा रहे रेत माफियाओं के यहां तो अब ईओडब्ल्यू का छापा मारने की नौबत आ गई है। कोयला घोटाला की तर्ज पर ही ऊर्जाधानी में रेत घोटाला हो रहा है और काफी जोर-जोर से हो रहा है।
बड़ी-बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं, रेल परियोजना, सड़क निर्माण आदि में बड़े पैमाने पर रॉयल्टी की चोरी कर रेत खपाई जा रही है। धर पकड़ भी यदा-कदा होती है। खनिज महकमे के पास संसाधन की कमी है इसलिए वह एक सिरे पर दबिश देते हैं तो कई छोर से चोर भाग निकलते हैं। संयुक्त रूप से कार्रवाई का अभाव लगातार बना हुआ है।
0 आरक्षक ने पकड़ा एक JCB
कार्रवाई की कड़ी में रविवार शाम करीब 4 बजे घाट पर महकमे ने दस्तक दी तो नदी में जेसीबी उतार कर रेत निकाल रहा चालक जेसीबी लेकर सर्वमंगला घाट की तरफ भाग निकला। यहां निर्माणधीन रेल परियोजना के पास माइनिंग आरक्षक संजू लहरे ने उस जेसीबी को पकड़ा और पुलिस अभिरक्षा में सर्वमङ्गला पुलिस सहायता केंद्र में ले जाकर खड़ा करा दिया। अब इसके आगे क्या कार्यवाही हुई है यह बताने वाला कोई नहीं। कोरबा शहर से लगे घाट पर माईनिंग अमला रह-रह कर दस्तक दे रहा है, इस दस्तक के बीच जो समय मिलता है उस समय पर माफिया अपना काम निकाल रहे हैं लेकिन पकड़ में कोई भी नहीं आ सका है।
0 कोयलांचल-कटघोरा में भी
इसके अलावा शहर से लगे कोयलांचल कुसमुंडा क्षेत्र के डौकाबुड़ा, खमरिया बस्ती के नीचे, आईबीपी बस्ती, कपाटमुड़ा, बलगी से होकर बहने वाली नदी दोहन का शिकार हो रही है। यहां बाकायदा मशीन लगाकर रेत निकलवाई और खपाई जा रही है। कटघोरा थाना क्षेत्र में मोहलाईनभाटा, ऊंचापारा, जुराली, कसनिया, डुडगा में मानव श्रम के सहारे रेत की चोरी हो रही है। बस स्टैंड का एक होटल इन रेत चोरों से होने वाली सेटिंग का गवाह भी है। यहीं पर आबकारी वाले भी दिन भर का लेन-देन करते हैं। इसी तरह बाकी मोगरा क्षेत्र की अहिरन नदी भी अवैध दोहन का शिकार है। जिले के अन्य क्षेत्र भी इसी प्रकार से प्रभावित हैं जहां नदियों का अस्तित्व खतरे में है किंतु पर्यावरण विभाग के अधिकारी गहरी नींद में है।