कोरबा। कोरबा जिले की राजनीति कई दिनों से हाई वोल्टेज पर चल रही है। कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा यहां निशाने पर है। पिछले दिनों नगरीय निकायों के शपथ समारोह में जब कार्यक्रमों की विशिष्ट अतिथि कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत को बनाए जाने के बावजूद प्रोटोकॉल के तहत मंचीय पोस्टर, बैनर में उनकी तस्वीर तक नहीं लगाई गई (पाली नगर पंचायत को छोड़कर) तो इस बात का विरोध कांग्रेस के पार्षदों ने ही किया। उन्होंने उक्त कार्यक्रम में शपथ नहीं ली, उन्हें पृथक से कर्तव्य अधिकारी द्वारा शपथ दिलाई गई। यह एक मौका था जब सांसद के लिए किए गए कथित तौर पर अपमान के मामले में उनके प्रतिनिधि से लेकर पूरा संगठन खामोश रहा। हमने उनके प्रतिनिधि से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ और न ही कॉल बैक हुआ।
यह बात समय के साथ गुम होती चली गई लेकिन इसे ज्यादा वक्त बीता नहीं है कि अब नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत को लेकर बयानबाजी हुई है। निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य रज्जाक अली ने सांसद व डॉ. महंत को लेकर सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करते हुए कोरबा लोकसभा क्षेत्र छोड़ देने की बात कही । अली ने और भी बहुत कुछ कहा है और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। इस वायरल वीडियो से जिले के कांग्रेसी और रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक से लेकर क्षेत्र के कांग्रेस प्रतिनिधि, कांग्रेस नेता और पदाधिकारी बावाकिफ हैं। आज से चार से पांच दिन पहले का यह घटनाक्रम बताया जा रहा है, जब जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनने की उनकी कोशिश सफल नहीं हुई। अली पहले तो जिला पंचायत परिसर में बयानबाजी करते हैं और इसके बाद अपने क्षेत्र में अपने वाहन के सामने गांव के कुछ युवकों को इकट्ठा कर डॉ. महंत व सांसद के लिए बोलते नजर आते हैं।
बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि दोनों घटनाक्रम में कांग्रेस के किसी भी पदाधिकारी, किसी भी जिम्मेदार प्रतिनिधि की तरफ से ना तो कोई टिप्पणी आई है, ना कोई आपत्ति दर्ज कराई गई है, ना ही कोई शिकवा हुआ है, ना कोई शिकायत हुई है और न ही कोई प्रेस विज्ञप्ति संगठन की ओर से कोरबा से लेकर रायपुर तक कहीं भी जारी नहीं की गई है।
डॉ. महंत छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक कद्दावर नाम माना जाता है, वह छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें लेकर इस तरह की बयानबाजी का होना जितना आश्चर्यजनक है उससे कहीं ज्यादा आश्चर्यजनक कांग्रेस के लोगों की खामोशी है। नेता प्रतिपक्ष को लेकर पहले प्रदेश के श्रम मंत्री ने कमीशन खोरी का गंभीर आरोप लगाया और इसके बाद जिला पंचायत सदस्य का आरोप है कि जिधर पैसा और कमीशन दिखता है उधर उनकी गाड़ी भागती है। जनता की समस्याओं से उनका कोई लेना-देना नहीं है। 15% कमीशन का खेल चल रहा है। हर काम के लिए वह 15% कमीशन की मांग करते हैं। यह कोई छोटा-मोटा आरोप नहीं बल्कि गंभीर आरोप है, जिस पर डॉ.महंत भी पूर्व में श्रम मंत्री के बयान पर अपनी प्रतक्रिया दे चुके हैं किंतु बयानबाजी के इस सिलसिले में गंभीर आरोपों का लगना राजनीतिक माहौल को गर्म किये हुए है।