0 शारीरिक व आर्थिक शोषण पीड़िता के पास है पर्याप्त सबूत,महिला आयोग में की गई शिकायत
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती बालो बघेल ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 231 वीं व जिला स्तर पर 107 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में आयोजित जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरण में सुनवाई की गई।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया, आवेदिका ने दस्तावेज प्रस्तुत किये है। अनावेदक ने कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। आवेदिका का कथन है कि अनावेदक ने आवेदिका का शारीरिक शोषण किया व वीडियों रिकॉडिग कर आवेदिका का लगातार शोषण करता रहा बाद में बहला-फुसलाकर आवेदिका की जमा पूजी 18 लाख 54 हजार रूपये अनावेदक ने ले लिए और देने से इन्कार कर रहा है। आवेदिका के पास पर्याप्त सबूत है। जिसको वह पेश कर सकती है। अनावेदक पी.एच.ई. के सी.ई. ऑफीस में कार्यपालन अभियन्ता के पद पर पदस्थ है। शासकीय सेवा में होते हुए भी अनावेदक ने आवेदिका का शारीरिक शोषण के साथ-साथ आर्थिक शोषण किया तथा अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दिया। अनावेदक शासकीय सेवक होते हुए भी इस प्रकार का कृत्य किया जो कि काफी गंभीर विषय है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना का आवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें आवेदिका में बताया कि 15 फरवरी 2023 को अनावेदक क्रमांक 01 के साथ उसका विवाह हुआ था। शादी के बाद से ही पति के द्वारा दुर्व्यवहार के कारण उसे छोड़कर अपने पिता और भाई के साथ में मायके चली आई। दोनों पक्षों कि विस्तार से काउंसलिंग कराया गया जिसमें अनावेदकगण के द्वारा स्वीकार किया गया कि आवेदिका के पिता द्वारा दिया गया सूची के अनुसार पूरा समान वापस करेंगे। इसमें एक काउसलर नियुक्त किया गया है जो अनावेदक के निवास स्थान नागपुर (महाराष्ट्र) से आवेदिका का पूरा समान दिलवाएगी। उसके बाद अगली सुनवाई में प्रकरण सुना जायेगा दोनों पक्ष सुलह नामा को तैयार नहीं है। अनावेदक पक्ष आपकी रजामंदी से तलाक होने पर आवेदिका को 2 लाख रूपये एक मुश्त भरण-पोषण राशि देंगे तत्पश्चात तलाक होगा।
आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने उससे विवाह किया और उसके पूर्व पति के बेटी की जिम्मेदारी आवेदिका के पति ने लिया था और उन दोनो के तरफ से एक बेटा है। जो 6 साल का है। अनावेदक दोनो बच्चों की जिम्मेदारी नहीं उठाया और दूसरी महिला से विवाह कर लिया है जबकि आवेदिका से तलाक नहीं हुआ है। आवेदिका यदि चाहे तो अनावेदक के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही दायर कर सकती है। आवेदिका के पति के सहमति दिया है कि दोनों बच्चों के भरण-पोषण हेतु आयोग के समझाईश पर हर महीने 4 हजार रूपये देगा। दिनाक 20/12/2023 को आयोग में काउसलिंग के समक्ष आवेदिका को 4 हजार रूपये देगा तथा हर माह के पहले सप्ताह में तिथी सुनिश्चित कर दिया जायेगा। उसके बाद हर माह उसी तारीख को भरण-पोषण दिया जायेगा। आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया दोनो के मध्य विवाद हुआ है। आवेदिका का पति 10 हजार रूपये भरण-पोषण देने को तैयार है उनका एक पुत्र 8 वर्ष का है। काउंसलर द्वारा दोनों पक्षों को सुना गया उसके बाद अगली सुनवाई रखी जायेगी।
अन्यप्रकरणों दोनों पक्षों के बीच सुलह-नामा के बाद अनावेदक प्रति माह 7 हजार रूपये आवेदिका को देगा वर्तमान में अनावेदक शासकीय सेवा में है और अपनी बच्ची का पालन पोषण बेहतर ढंग से कर रहा है अनावेदक बच्ची से आवेदिका को महिला आयोग कार्यालय में प्रति माह दो बार मिलवायेगा। दोनों पक्षों की आपसी सहमति से बच्ची वर्तमान में पिता के पास रहेगी इन सभी शर्तों पर आवेदिका और अनावेदक आपस में सहमत है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।