0 गांवों में लगा मूलभूत समस्याओं का अंबार,जहां कार्य हुआ वहां के सरपंच कर्ज में लदे
कोरबा-कोरबी चोटिया । त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत बिना मूलभूत के संचालित हो रही हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि ग्राम पंचायतों के सरपंचों का कहना है।
बता दें कि राज्य सरकार के द्वारा मूलभूत सुविधाओं के लिए मिलने वाली राशि महीनों बीतने के बाद भी जिला से ग्राम पंचायतों में नहीं पहुँची है जिससे ग्रामो में अनेक समस्याओं का अंबार लग गया है। जिन ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई है वहां के सरपंच कर्ज से लद चुके हैं। विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा के अनेक सरपंचों का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मूलभूत की मिलने वाली राशि मे कटौती कर दी गई, वहीं जो अल्प राशि दी जाती है वह भी महीनों पहले जिला पंचायत को प्राप्त हो चुकी है। राशि के मिलने की आस लगाए हुए है किंतु कारण अज्ञात है कि अभी तक पंचायतों को राशि उपलब्ध क्यों नहीं कराया गया है। पंचायतों के संचालन में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 49 के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को मूलभूत कार्य सम्पादित करने का दायित्व सौंपा गया है जिसके अनुसार जनसंख्या के हिसाब से प्रत्येक ग्राम पंचायत को मूलभूत की राशि दी जाती है ताकि इस राशि से पंचायत द्वारा मूलभूत सेवाओं का ग्रामवासियों को लाभ पहुँचाया जा सके लेकिन वही राशि पंचायतों को नही मिल पाने से गांवों में पेयजल, साफ- सफाई सहित अनेक समस्याएं देखने को मिल रही है। शासन- प्रशासन द्वारा पंचायतों को विकसित करने के लिए समय- समय पर अनेक योजनाओं के बारे में जानकारी दिया जाता है परंतु ग्राम पंचायतों के संचालन हेतु मूलभूत राशि की कोई निश्चित अवधि तय नहीं होना ग्रामीण विकास कार्य को बाधित करता है और गांव की जनता मूलभूत समस्याओं से जूझते रहती है। ग्रामीण जनता को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने में मूलभूत राशि की अहम भूमिका होती है लेकिन महीनों बीतने पश्चात भी पंचायतों को उक्त राशि से वंचित रखा जाना समझ से परे है। सरपंचों ने जिला प्रशासन से मूलभूत राशि की अपेक्षित मांग की है ताकि गांव के लोगों को आवश्यकतानुसार बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सके।