0 जिला सहकारी बैंक मामले में हाईकोर्ट का अहम आदेश,खुशी की लहर
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के 110 कर्मचारियों के सेवा समाप्ति को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करते हुए सभी को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के 110 कर्मचारियों के सेवा समाप्ति को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करते हुए सभी को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसेल में कहा कि शिकायत की जांच एकतरफा की गई थी और कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया था। मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद के बेंच में हुई।
बता दें कि वर्ष 2014 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर में भर्ती की गई थी। इस दौरान बैंक ने कुल 110 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस परीक्षा में शामिल होकर लिखित परीक्षा व इंटरव्यू पास करने के बाद पंकज तिवारी ने नौकरी हासिल की थी। इसी बीच दुर्गेश राजपूत नाम के युवक ने भर्ती को लेकर अनियमिता का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी।
इस पर जांच करते हुए पंकज तिवारी सहित कई अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी कर 23 नवंबर 2015 को हटा दिया गया था। इसी को लेकर पंकज तिवारी ने सेवा समाप्ति के खिलाफ पहले संयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं रायपुर में अपील की थी लेकिन वर्ष 2019 में उनकी अपील को खारिज कर दिया गया।
इसके बाद राज्य सहकारी अधिकरण में भी अपील की गई जो वर्ष 2020 में निरस्त हो गई। इस पर हाईकोर्ट में उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता पंकज तिवारी ने याचिका दायर कर नियुक्ति के विषय में पूरी जानकारी दी। इसके अलावा अधिवक्ता ने कोर्ट तर्क देते हु कहा कि भर्ती पूरी तरह नियमों के तहत हुई थी। सभी दस्तावेज और योग्यता की जांच के बाद ही नियुक्ति दी गई थी। शिकायत की जांच एकतरफा की गई थी और किसी भी स्तर पर गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण भी नहीं मिले।
हाईकोर्ट ने माना कि जांच प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण रही और कर्मचारियों को न्याय नहीं मिला। इस आधार पर पंकज तिवारी सहित अन्य 11 कर्मचारियों की याचिका स्वीकार कर मामले में ठोस आधार के बिना सेवा समाप्ति को गलत ठहराते हुए सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर कर्मचारियों को बहाल करने का आदेश जारी किया।