कोरबा। सतपुड़ा मैंकल पर्वत से लगे कोरबा जिले के सीमांत गांव- कस्बों में विगत कुछ समय से शेर के आने की खबरों ने नींद उड़ा दी है। ऐसी एक खबर पाली ब्लॉक के ग्राम बक्साही में मंगलवार शाम फैल गई. जिससे सारी रात ग्रामीणों की नींद उड़ी रही।
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और वस्तु स्थिति जानने का प्रयास किया कि क्या किसी ने कोई ऐसा जानवर देखा है जो शेर जैसा दिखता है या मिलता-जुलता है, लेकिन ऐसी किसी भी प्रकार की कोई पुष्टि या पग चिन्ह नहीं मिले, जो यह साबित करें कि इस क्षेत्र में शेर ने दस्तक दी है। यह अफवाह देर शाम किसी ग्रामीण के द्वारा गांव पहुंच कर बताए जाने पर गांव में चल रहे रामायण कार्यक्रम के मंच से लोगों को माइक से सचेत किया गया कि ग्राम बक्साही के डूबान क्षेत्र में शेर देखा गया है और उस क्षेत्र में कोई मत जाए। यह एक प्रकार से मुनादी सोशल मीडिया में कुछ फोटो को आधार बनाकर वायरल हो गया जिससे इस क्षेत्र में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों की रातों की नींद उड़ गई। यह खबर उड़ते उड़ते पाली वन विभाग तक पहुंची और विभागीय अमले ने भी मौके पर जाकर इसकी सत्यता की जांच की। बताया जाता है कि तखतपुर क्षेत्र में बाघ ने हमले में ग्रामीण को घायल कर दिया, इसके बाद उसे बाघ का कुछ पता नहीं चला। दो दिन पूर्व सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि वह बाघ मदनपुर -रानीगांव क्षेत्र में देखा गया है और क्षेत्र के ग्रामीण इसी से इस अफवाह को जोड़ते हुए सोशल मीडिया में खबरों की तरह वायरल कर दिए।

वैसे बाघ की बात करें तो इससे पूर्व पाली के चैतुरगढ के जंगल के आसपास मनेद्रगढ़ चिरमिरी क्षेत्र से आए बाघ की काफी दहशत थी। जिसकी पुष्टि वन विभाग ने भी की और विभाग ने उस बाघ के गले में कॉलर आईडी भी लगाया है जो कि बांधवगढ़ क्षेत्र का बाघ बताया गया, जो कुछ दिन पूर्व मरवाही क्षेत्र में भी दिखा था। हालांकि इसके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है जिसके वापस उस वन्य क्षेत्र में जाने की खबर है। बाघ की इन खबरों के बीच में लोगों के जेहन में बाघ अभी भी बसा हुआ है जो अफवाह के रूप में सामने आया है.