बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में कथित भ्रष्टाचार के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में निलंबित पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा ने अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पास से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। यह घटना 27 जून 2025 को सामने आई, जब मिश्रा के खिलाफ तोरवा थाने में FIR दर्ज की गई थी।
0क्या है मामला : जांच, निलंबन और आरोप
सुरेश कुमार मिश्रा, जो तखतपुर क्षेत्र में पटवारी के रूप में कार्यरत थे, को भारतमाला परियोजना के तहत बिलासपुर-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-130A) के लिए ग्राम ढेका में भूमि अधिग्रहण में अनियमितता के आरोप में 24 जून 2025 को निलंबित किया गया था। जिला स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा और तत्कालीन तहसीलदार डीएस उइके ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की, जिससे शासन को करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति हुई। नायब तहसीलदार की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।आत्महत्या और सुसाइड नोट27 जून 2025 को मिश्रा ने अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पास से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वे इस मामले में निर्दोष हैं और निलंबन के कारण मानसिक तनाव में थे। उन्हें अधिकारियों ने फसाया है।यह उनका पिछले छह महीनों में दूसरा निलंबन था, जिसने उनके तनाव को और बढ़ा दिया।वे अगले कुछ दिन में रिटायर होने वाले थे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
0 क्या है भारतमाला परियोजना और भ्रष्टाचार
भारतमाला परियोजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क और राजमार्ग विकास परियोजना है, जिसका उद्देश्य देश के 550 जिला मुख्यालयों को चार-लेन राजमार्गों से जोड़ना, 24 लॉजिस्टिक्स पार्क, 66 अंतर-गलियारों और 116 फीडर मार्गों को विकसित करना है। इस परियोजना में 83,677 किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क शामिल है, जिसके लिए 10.63 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ में भी इस परियोजना के तहत कई सड़कें बन रही हैं, जिनमें बिलासपुर-उरगा मार्ग शामिल है।भ्रष्टाचार के आरोपभारतमाला परियोजना में छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। बिलासपुर के ग्राम ढेका में भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा वितरण में अनियमितता की बात उजागर हुई। जांच में पाया गया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा राशि का गलत वितरण किया गया, जिससे शासन को भारी नुकसान हुआ। इस मामले में मिश्रा और तहसीलदार डीएस उइके के अलावा अन्य अधिकारियों पर भी जांच चल रही है। रायपुर में भी इसी तरह के घोटाले में EOW और ACB ने छापेमारी की थी, जिसमें कई अधिकारियों को निलंबित किया गया।
0 सरकारी कार्रवाई : जांच ,निलंबन और FIR
मुआवजा घोटाले की जांच के बाद जिला प्रशासन ने सुरेश मिश्रा को निलंबित कर जिला मुख्यालय में अटैच किया था। तोरवा थाने में उनके और तहसीलदार डीएस उइके के खिलाफ FIR दर्ज की गई। छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही है।
0 EOW और ACB की कार्रवाई जारी
इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) सक्रिय हैं। रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़े घोटाले में EOW ने कई अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें निलंबित पटवारी लेखराम देवांगन और तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण शामिल थे। बिलासपुर में भी इस मामले की गहराई से जांच चल रही है, और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में है।