कोरबा। निहारिका-घंटाघर मार्ग पर स्थित स्मृति उद्यान काम्पलेक्स की दुकान क्र. 07, 08, 09 द लल्ला कैफे बार एवं दुकान क्र. 06 ए.आर. दुकान के अंदरूनी हिस्सों को सिगरेट बार का स्वरूप देकर नशाखोरी कराई जा रही थी। यहाँ पर दर्जनों नवयुवक व नाबालिक आराम से कुर्सी टेबल पर बैठकर सिगरेट के कश लगाते हुए पकडे़ गए। एक्शन टीम ने इन नवयुवकों को समझाईश व चेतावनी देकर वहॉं से रवाना किया तथा दुकान संचालकों पर कार्यवाही करते हुए उक्त 04 दुकानों को सील कर दिया गया।
स्कूलों के आसपास दुकानों पर हो रही लगातार कार्यवाही –

आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के निर्देशन में नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्रांतर्गत स्थित स्कूलों, विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में स्थित दुकानों में तम्बाखू उत्पादों का विक्रय व भण्डारण करने के विरूद्ध लगातार कार्यवाही एक्शन टीम के द्वारा की जा रही है। निगम में अभियान के नोडल अधिकारी व उपायुक्त पवन वर्मा ने बताया कि अभी तक शहर के 55 स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों के आसपास स्थित लगभग 100 दुकानों का निरीक्षण करते हुए संयुक्त टीम ने तम्बाखू उत्पादों की जप्ती की, दुकान संचालकों कड़ी चेतावनी दी कि दुकानों में तम्बाखू उत्पादों का दोबारा विक्रय व भण्डारण करते पाए जाने पर दुकानों के लाईसेंस निरस्त करने के साथ-साथ नियमों के तहत कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
लगातार चलेगा अभियान – नोडल अधिकारी श्री वर्मा ने बताया कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अजीत वसंत के मार्गदर्शन व निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के दिशा निर्देशन में नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा नशामुक्त भारत अभियान का लगातार संचालन किया जाएगा, ऐसी दुकानों व प्रतिष्ठान जिनमें अवैध रूप से तम्बाखू उत्पादों व नशीले पदार्थो का सेवन कराया जाता है, उनको सील बंद किए जाने व अन्य आवश्यक वैधानिक कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। साथ ही स्कूलों, विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे के अंदर स्थित दुकानों, ठेलों में तम्बाखू उत्पादों का विक्रय व भण्डारण पर भी लगातार कार्यवाही होगी।
कोटपा अधिनियम 2003 में कार्यवाही के प्रावधान – यहॉं उल्लेखनीय है कि भारत में सिगरेट और अन्य तम्बाखू उत्पादों के उत्पादन आपूर्ति व वितरण को नियंत्रित करने और उनके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोटपा अधिनियम 2003 बनाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना व तम्बाखू के उपयोग को कम करना है, इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान पर प्रतिबंध, तम्बाखू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध, 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिकों को तम्बाखू बेचने पर प्रतिबंध व शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाखू उत्पाद बेचना गैरकानूनी है आदि शामिल है। यदि कोई व्यक्ति कोटपा अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे जुर्माना/या सजा हो सकती है।