कोरबा। नगरीय निकाय चुनाव की सियासी हलचल के बीच चुनावी शतरंज की बिसात पर मतदाताओं ने अपनी चाल चल दी है। शह और मात के खेल में कौन आगे निकल जाएगा इसका फैसला शनिवार को दोपहर तक EVM से निकलकर बाहर आ जाएगा।
इससे पहले 11 फरवरी को मतदान के आंकड़े सामने आने के बाद से ही रुझान भी सामने आने लगे हैं। अपने-अपने आंकड़ों और अनुभवों के आधार पर राजनीतिक जानकारों ने आगामी परिणाम का अंश भाँप लिया है। जनचर्चाओं पर गौर करें तो नगर पालिक निगम में इस बार कमल खिलने जा रहा है तो दूसरी तरफ नगर पालिका परिषद कटघोरा में कांग्रेस का परचम लहराएगा। इसके अलावा नगर पालिका परिषद दीपका, बांकी मोगरा, नगर पंचायत छुरीकला और पाली में कांटे की टक्कर प्रत्याशियों के बीच बनी है। दीपका और बांकीमोगरा कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण भू विस्थापितो के मुद्दे यहां चुनाव में जरूर हावी रहे। पाली का क्षेत्र भी अब कोयला प्रभावित हो चुका है इसलिए यहां भी भूविस्थापितो का बोलबाला रहा है। नगर पंचायत छुरीकला में कांग्रेस और भाजपा के नेता की बहू ने चुनाव लड़ा है और दोनों परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
कमोबेश हार-जीत का अंतर भी कुछ ज्यादा नहीं होने वाला। चूंकि मतदान का प्रतिशत गिरा है इसलिए हार-जीत के आंकड़ों में कोई ज्यादा अंतर होना नहीं माना जा रहा है। त्रिकोणीय और सीधे मुकाबले में प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगने के साथ-साथ उनके आकाओं और पार्टी के नेताओं की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से लेकर उम्मीदवार भाजपा की लहर चलने से खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं और इस लहर में आगे निकल जाने की उन्हें काफी उम्मीद है।
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी और पदाधिकारी भी अपने आपको कमतर नहीं आंक रहे क्योंकि जनता ने उन्हें नकारा नहीं है। पार्षद प्रत्याशियों के व्यक्तित्व, चाल-चरित्र और चेहरा तथा उनसे लगाई जाने वाली उम्मीदों को देखकर उन्हें चुनने के लिए मतदान किया गया है। इनमें कांग्रेस-भाजपा के अलावा निर्दलीय भी है इसलिए किसी भी प्रत्याशी को कमतर और ज्यादातर आंकना परिणाम से पहले उचित नहीं होगा। इन रुझानों के बीच इतना तो तय है कि नगर निगम में इस बार कमल खिल रहा है और कटघोरा में कांग्रेस का पूरा-पूरा जोर दिख रहा है।
जनचर्चा: कोरबा में कमल,कटघोरा में पंजा का रास्ता साफ, दीपका-बांकी, पाली-छुरी में टक्कर का मुकाबला
