0 कोरबा जिले से 2 लाख 3 हजार रुपए संघर्ष शुल्क जमा किया
रायपुर/कोरबा। अपनी एकमात्र शासकीयकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर के पंचायत सचिव 17 मार्च 2025 से हड़ताल पर बैठे हैं। सचिवों की मांग है कि सरकार ने चुनाव के वक्त मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का भी वादा शामिल किया था, लेकिन इसे अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। सचिवों की मानें तो इस बार उनका संगठन आर-पार की लड़ाई के मूड में है और किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटना चाह रहे हैं। यह लड़ाई समस्त ब्लॉक और जिला स्तर पर जारी है जिसे जल्द ही दिल्ली तक ले जाया जाएगा। इसके पहले सचिवों की इस हड़ताल और आंदोलन पर आर्थिक संकट गहराता नजर आया है। हड़ताल को आगे जारी रखने के लिए संघर्ष शुल्क की आवश्यकता है जो कई ब्लॉक और जिलों से नहीं आने के कारण इस तरह की सूचना सभी पदाधिकारियों के लिए जारी की गई है कि वह संघर्ष शुल्क शीघ्र जमा करें। संघर्ष शुल्क जमा ना हो पाने की स्थिति में आंदोलन को तोड़ना भी पड़ सकता है।
हालांकि, इस संदेश के बाद जिलों से पदाधिकारियों द्वारा संघर्ष की राशि जमा कर दिए जाने की जानकारी भी भेजी जा रही है एवं जिन ब्लॉक में जिलों से राशि जमा नहीं हुई है, वहां से यह राशि जल्द प्राप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है।


