0 मामला कुचैना से इमलीछापर के मध्य सड़क का
कोरबा। लंबे समय से जनता की मांग पर कलेक्टर अजित बसंत और नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के निर्देश पर कुचेना मोड़ से इमलीछपर चौक तक सड़क का अस्थाई डामरीकरण कार्य कराया गया।

इस रास्ते पर आवागमन के लिए एक ही सड़क होने के कारण और पूर्व में काफी बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने से बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ रहा था। प्रशासनिक पहल पर पीडब्ल्यूडी के द्वारा एक ठेकेदार के माध्यम से यह कार्य कराया गया है।

इस सड़क पर डामरीकरण हो जाने से बहुत बड़ी राहत क्षेत्रवासियों को मिली है और प्रशासन का आभार जताया है।

दूसरी तरफ इस सड़क के डामरीकरण को अभी मुश्किल से चार-पांच दिन ही बीते हैं और सड़क पर जगह-जगह से उखाड़ना भी शुरू हो गया है। अब ठेकेदार के रहमोकरम पर यह सारा दारोमदार टिका हुआ है लेकिन जनता को राहत देने में भी भ्रष्टाचार की गंध आ रही है। यह राहत आधी-अधूरी कुछ दिनों की मेहमान-सी साबित होने लगी है।बड़े-बड़े गड्ढों, सड़क से झांकते बोल्डरों से छुटकारा तो मिला लेकिन छोटे-छोटे गड्ढे फिर से बढ़ना शुरू हो गए हैं।

इस मामले में जहां स्थानीय जानकार लोगों ने बताया कि सड़क पर डामरीकरण के साथ-साथ सभी आवश्यक कार्य कर लिए गए हैं वहीं दूसरी तरफ Especially के EE श्री जांगड़े का कहना है कि अभी यह काम अधूरा है। ठेकेदार से काम कराया गया है, जिसका टेंडर नहीं निकला है। 380 मीटर लंबी सड़क के कार्य की लागत अभी नहीं बताई जा सकती, काम पूरा हो जाने के बाद इसका अवलोकन/निरीक्षण किया जाएगा और लागत तय हो सकेगी। अब EE साहब की मानें तो सड़क का काम अभी अधूरा है लेकिन दूसरी तरफ स्थानीय जानकार बताते हैं कि काम पूरा हो चुका है। काम पूरा हो जाने के बाद अब इसमें गड्ढे होने शुरू हो गए हैं। क्षेत्रवासी “ना मामा में काना मामा” ही सही की तर्ज पर राहत महसूस करते हुए इस सड़क से आना-जाना कर रहे हैं। लेकिन जो छोटे-छोटे गड्ढे उभरने शुरू हो गए हैं, वह कुछ दिनों में बड़े होते जाएंगे क्योंकि इसी रास्ते से होकर सारे वाहनों को गुजरना होता है।