कोरबा। बाजारों में व्यवस्था बनाये रखने के लिए एवं सुचारु संचालन हेतु ग्राम पंचायतों के द्वारा हर साल ठेका दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में चल रही सचिवों की हड़ताल के कारण कई पंचायत का ठेका नहीं हो पाया है तो कई ऐसे भी पंचायत हैं जहां ग्राम सभा की बैठक बुलाकर सरपंचों के द्वारा नया ठेका 31 मार्च से पहले जारी कर दिया गया है। अमूमन 31 मार्च को ठेका की अवधि खत्म हो जाती है और नया ठेका 1 अप्रैल से क्रियान्वयन होना अनिवार्य हो जाता है। यदि ठेका नया ना हो तो बाजार से वसूली नहीं हो सकती क्योंकि 31 मार्च को पूर्व् का ठेका स्वमेव निरस्त माना जाता है, इसके विपरीत सूत्रों के मुताबिक करतला ब्लॉक के बरपाली बाजार में पुराना ठेका खत्म होने के बाद नया ठेका नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में यहां नए वित्तीय वर्ष में व्यवसाईयों से बिना ठेका के ही वसूली को अंजाम दिया गया। इस मामले में सरपंच की मानें तो ठेका का आवंटन नहीं हो पाया है और पुराने लोग ही वसूली किए हैं। ऐसे में यह वसूली एक तरह से अवैध ही कही जाएगी। प्रशासन को चाहिए कि जिन पंचायत में बाजार का नया ठेका नहीं हो पाया है, वहां सुचारू व्यवस्था दी जाए अन्यथा वसूली का कार्य रुकवाना चाहिए, फिर यह अपने आप में ही अवैध वसूली होगी।