0 मुख्य शहर में अव्यवस्था, ठेले-खोमचे अव्यवस्थित,सड़क भी खराब
कोरबा। नगर पालिक निगम के कोरबा जोन अंतर्गत आने वाले मुख्य शहर और खासकर इतवारी बाजार की ओर जाने वाले मार्ग व तिराहा पर अवस्था का आलम वर्षों से बना हुआ है। यहां सड़क पर दुकान लगाए जाने के कारण आवागमन में काफी दिक्कत होती है और दिन भर छोटा- बड़ा जाम लगता ही रहता है। अव्यवस्थित तरीके से लगाए जाने वाले ठेले अव्यवस्था का बड़ा कारण बनते आ रहे हैं। पुराना बस स्टैंड के अंदर भी जहां व्यवस्था सही ढंग से नहीं है और मनमानी जारी है तो दूसरी तरफ इतवारी बाजार तिराहा से लेकर रानी रोड, सीतामढ़ी मुख्य मार्ग, स्टेशन रोड तक भी अव्यवस्था देखने को मिलती है। अभी शनि मंदिर से संजय नगर की तरफ अतिक्रमण बढ़ रहा है।

इधर अग्रसेन चौराहा, उषा काम्प्लेक्स के सामने, ओव्हरब्रिज के नीचे, रेलवे फाटक से लेकर दर्री रोड और इधर पावर हाउस रोड जाने वाले मार्ग में भी एवं मस्जिद के सामने मोड़ पर तथा सर्वमंगला मंदिर जाने वाले मार्ग पर लगने वाले ठेले-खोमचे सुगम यातायात में बाधक बन रहे हैं। एक तो सड़क खराब, उनमें गड्ढे और फिर ठेले व बेतरतीब खड़े किए जाने वाले छोटे-बड़े वाहन परेशानी का सबब बन हुए हैं। थाना स्कूल से गांधी चौक-पेट्रोल पंप तक सड़क का किनारा समतल नहीं होने के कारण दुपहिया चालकों को गिरने का खतरा बना रहता है। लोग व्यवस्था के लिए प्रशासन,निगम, पुलिस की ओर उम्मीदें लगाए रहते हैं,रास्ते से गुजरने वाले जनप्रतिनिधियों की भी उदासीनता बनी रहती है। हालांकि व्यवस्था सही करने की कभी-कभार पन पड़ा तो, प्रशासनिक कोशिश होती है लेकिन वह अस्थाई होने के कारण सबका मनोबल बढ़ा हुआ है। प्रशासनिक तौर पर व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अब तक कोई कारगर कार्य नहीं हो सके हैं।
हाल ही में 2 अप्रैल को इतवारी बाजार तिराहा में ठेला लगाने वालों को नोटिस थमा कर 24 घंटे के भीतर अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है लेकिन आज तक इस पर कोई अमल होता नजर नहीं आया है। इस अव्यवस्था के कारण यहां के व्यवसाईयों से लेकर आम नागरिकों और आवागमन करने वालों को काफी दिक्कत होती है। पुराना बस स्टैंड से निकलने वाले यात्री वाहनों का भी ठहराव आशा वॉच के सामने से लेकर मुख्य मार्ग में जगह-जगह पर होता रहता है। सकरी सड़क में यात्री वाहनों का ठहराव होते रहने से तथा मोड होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। इस मार्ग को व्यवस्थित करने की आवश्यकता वर्षों से बनी हुई है। शहर वासियों को प्रशासन से काफी उम्मीद है कि वह व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अपेक्षित व ठोस कार्य करेंगे लेकिन देखना है कि यह कब तक संभव हो पाएगा।