0 शिक्षा विभाग की गैर जिम्मेदाराना हरकत के कारण भटक रहे, कहां से लाएं ओरिजनल दस्तावेज..?
कोरबा। जिले में अपने कारनामों से सुर्खियां बटोर रहे शिक्षा विभाग के अंतर्गत पोड़ी उपरोड़ा खण्ड शिक्षा कार्यालय में बाबुओं की लापरवाही से एक सेवानिवृत प्रधान पाठक की सेवा पुस्तिका गुम हो गई है। तत्कालीन पदस्थ बाबू प्रदीप मिश्रा की लापरवाही बताई जा रही है। शासकीय कर्मी के लिए उसकी विभागीय सेवा पुस्तिका बहुत मायने रखती है,यह बात मालूम होने के बाद भी शासकीय कर्मी की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली ने परेशानी खड़ी कर दी है।
प्रधान पाठक चंदन सिंह राजपूत जो कि कोनकोना स्कूल से वर्ष 2014 में सेवानिवृत हुए, इस दौरान उन्होंने अपनी सेवा पुस्तिका में ओरिजनल कई दस्तावेज भी जमा कर रखे थे। अति आवश्यकता पड़ने पर पेंशनधारी चंदन सिंह ने सेवा पुस्तिका की मांग की तो खण्ड कार्यालय से जानकारी मिली कि सभी कागजात पेंशन कार्यालय बिलासपुर संभाग में भेजे जा चुके हैं। चंदन सिंह ने बिलासपुर में पेंशन कार्यालय जाकर सेवा पुस्तिका क़ा पता किया तो बताया गया कि कोरबा कोषालय में उनके सेवा पुस्तिका को भेज दिया गया है। चंदन सिंह ने कोरबा कोषालय में जानकारी ली तो बताया गया कि पोड़ी उपरोड़ा में बीइओ के नाम से सेवा पुस्तिका मांग के लिए आवेदन करें। चंदन सिंह ने पोड़ी खण्ड शिक्षा कार्यालय में सेवा पुस्तिका मांग के लिए आवेदन किया, जहाँ मौजूद बाबू ने उक्त आवेदन कोरबा कोषालय में जमा किया। उसके बाद एक हफ्ते तक कोषालय के कर्मचारी सेवा पुस्तिका की खोजबीन करते रहे।

अंत में कुछ दक्षिणा लेकर अपना रजिस्टर रिकार्ड देखा, जिसमें जानकारी मिली कि 2020 में पोड़ी उपरोड़ा शिक्षा विभाग में पदस्थ एक बाबू प्रदीप मिश्रा ने रिसीव लेकर उक्त सेवा पुस्तिका सहित 11 लोगो की पुस्तिका पोड़ी उपरोड़ा लाया था लेकिन पोड़ी उपरोड़ा शिक्षा कार्यालय में ज़ब बाबू से सेवा पुस्तिका की मांग की गई तब उन्होंने गोल मोल जवाब देना शुरू कर दिया। यह बताया कि विभाग में पदस्थ अन्य कर्मचारियों के द्वारा सभी दस्तावेज कचरे के साथ जला दिए गए जिसमें सम्भवतः सेवा पुस्तिका भी शामिल हो सकते हैं। विभाग के कर्मचारियों द्वारा घुमाया जा रहा है और किसी के पास सेवा पुस्तिका को लेकर स्पष्ट जवाब ही नहीं है। चंदन सिंह को कचरे के साथ उनकी सेवा पुस्तिका जला देने की जानकारी मिलते ही काफी आहत नजर आये,क्योंकि उनके बहुत ही जरूरी ओरिजनल दस्तावेज उसमें थे। अब वे संबंधित बाबू, अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का मन बना लिए हैं।