कोरबा। SECLकोरबा क्षेत्र के सरायपाली परियोजना कोयला खदान विकासखंड पाली में 28 मार्च 2025 की रात हुए घटनाक्रम में कोल ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की हत्या के मामले में नामजद आरोपी तत्कालीन सब एरिया मैनेजर, हत्या के बाद पदोन्नत GM और वर्तमान में स्टाफ ऑफिसर के तौर पर दूसरी परियोजना में तबादला किए गए सुरेंद्र सिंह चौहान को विभागीय संरक्षण प्राप्त हो रहा है। पहले निचली अदालत और फिर हाई कोर्ट ने उनके जमानत आवेदन को अस्वीकार कर दिया। हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस ने GM सुरेंद्र सिंह चौहान के जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुना। चीफ जस्टिस ने भी प्रस्तुत तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर इस पूरे घटनाक्रम में सुरेंद्र सिंह चौहान की भूमिका को संदेहास्पद व गड़बड़ माना है। उन्होंने अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।
इस तरह हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के पश्चात मामले में आरोपी के तौर पर नामजद सुरेंद्र सिंह चौहान की गिरफ्तारी आज पर्यंत नहीं हो सकी है। वह घटना दिनांक से लेकर अब तक पकड़ से दूर हैं।
दूसरी तरफ SECL के विभागीय अधिकारियों द्वारा मामले को लेकर सुरेन्द्र सिंह चौहान की भूमिका तलाश करने और शिकायतों की जांच की बात कही जा रही है लेकिन ऐसा कुछ सार्वजनिक तौर पर अब तक सामने नहीं आ सका है कि विभाग किस तरह की जांच कर रहा है? सुरेंद्र सिंह चौहान के लगातार फरार रहने और जमानत आवेदन खारिज हो जाने के बाद तथा गंभीर प्रकरण में नामजद आरोपी बनाए जाने के बावजूद SECL प्रबंधन के द्वारा अभी तक सुरेंद्र सिंह चौहान का निलंबन भी नहीं किया गया है। जानकार बताते हैं कि वे एक शासकीय जिम्मेदार सेवक हैं और हत्या जैसे गंभीर अपराध में नामजद आरोपी भी हैं। ऐसे में वे कहीं भी पद पर रहते हुए जांच को किसी न किसी तरह से प्रभावित करने के साथ-साथ विभागीय तौर पर भी अन्य तरह का लाभ प्राप्त कर रहे होंगे । हत्याकांड में उनकी भूमिका और संलिप्तता कितनी हद तक है, यह जांच और तय करना पुलिस व न्यायालय का काम है। इससे पहले पीड़ित परिवार ने GM सुरेंद्र सिंह चौहान की तत्काल गिरफ्तारी और मामले की जांच होने तक उन्हें निलम्बित करने की मांग की है। परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस की जांच पूरी होने से पहले और न्यायालय का किसी भी तरह से फैसला आने से पहले ही GM चौहान को क्लीनचिट देने की दिशा में कार्य और प्रयास होता दिख रहा है।