0 अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सोनी की मजबूत पैरवी से मिला न्याय
कोरबा। महिला की निजता भंग करने वाले अधेड़वय आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए 3 वर्ष के कारावास की सजा से दण्डित किया गया है। शासन की तरफ से अधिवक्ता ने मजबूत तर्क रखा, जिसने पीड़िता को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
अपर सत्र न्यायालय (फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ) के अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सोनी ने बताया कि घटना उरगा थाना क्षेत्र की है। घटना दिनाँक 13 मई 2025 को जब पीड़िता अपने घर की बाड़ी में नहा रही थी, तब उसने देखा कि पड़ोस में रहने वाला 52 वर्षीय पूरन शुक्ला अपने घर के अहाता से छिपकर पीड़िता को गलत नीयत से देख रहा है। पीड़िता ने घटना की जानकारी तुरंत अपने परिवार और मोहल्ले वालों को दी। जब परिजनों ने आरोपी से पूछा तो आरोपी उनसे वाद-विवाद करने लगा। पीड़िता ने थाना उरगा में आरोपी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई जहां आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 77 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में विचारण हेतु अभियोग पत्र अपर सत्र न्यायाधीश सीमा प्रताप चंद्रा के यहां प्रस्तुत किया गया। पर्याप्त साक्ष्य व ठोस दलील पेश कर अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सोनी ने मजबूती से अपना पक्ष रखा जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 77 में दोषी करार देते हुए 3 वर्ष की कैद व 500 रुपये जुर्माना की सज़ा सुनाई गई। न्यायाधीश ने अपने फैसले से साफ संदेश दिया है कि महिला संबंधित अपराधों में दोषी पाए जाने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।


