0 बाघा की मदद से चंद घण्टे में पकड़ाया था हत्यारा
कोरबा। घर में अकेली वृद्धा को चोरी करने की नीयत से घुसे युवक ने रंजिशवश निर्दयतापूर्वक मार डाला। आरोपी को आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है।
जानकारी के अनुसार जिले के हरदीबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धतुरा बस्तीपारा में महामाया मंदिर के पास की निवासी कलाबाई राठौर 60 वर्ष घर पर अकेली रहा करती थी। घटना की जानकारी दिनाँक 14 सितम्बर 2022, बुधवार को तब हुई जब शाम करीब 7 बजे उसका पुत्र मनीष राठौर मॉं का हाल जानने घर पहुंचा तो सामने का दरवाजा भीतर से बंद मिला। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी कोई आवाज नहीं आई तो पीछे के रास्ते से भीतर गया जहां लहूलुहान हालत और असामान्य परिस्थितियों में उसकी मां की लाश बिस्तर पर पड़ी थी। सूचना पर तत्कालीन हरदीबाजार चौकी प्रभारी एसआई मयंक मिश्रा मातहतों के साथ घटनास्थल पहुंचे। यहां पत्थर का लोढ़ा मिला जिसमें खून लगा हुआ था जिससे यह ज्ञात हुआ कि इसी से मारकर हत्या की गई है।
0 बाघा के आगे नहीं चली चालाकी
आरोपी का सुराग तलाशने के लिए खोजी डॉग बाघा की मदद ली गई। करीब 3 से 4 घंटे के भीतर बाघा ने आरोपी का अहम सुराग दिया और पुलिस ने उसे दबोच लिया। हत्या के बाद आरोपी मृतका के घर के बगल से होते हुए निकला और फरार हो गया। इधर पुलिस द्वारा की जा रही जांच-पड़ताल के दौरान आरोपी मृतका के घर के सामने से होकर गुजरा और अपने घर में मौजूद था। खोजी डॉग बाघा आरोपी की गंध तलाशते हुए उस तक जा पहुंचा और गुत्थी सुलझ गई।
0 पहले भी दो बार चोरी करने घुसा था
आरोपी पवन कुमार कौशिक पिता स्व. गोविंद राम 26 वर्ष निवासी ग्राम धतुरा बस्तीपारा ने अपराध कबूल कर लिया। बताया गया कि आरोपी पहले भी दो बार इसी घर में चोरी करने के लिए घुसा था तब पंचायत द्वारा उसे समझाईश दी गई थी। 13 सितम्बर की देर रात भी वह चोरी करने घुसा था कि वृद्धा के जाग जाने और शोर मचाने पर उसका मुंह दबाकर बिस्तर पर गिरा दिया और मुंह में कथरी ठूंसकर लोढ़ा से माथा पर वार कर हत्या कर दिया। आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 446/2022 पर धारा 302 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर जेल दाखिल कराया गया।
0 दोषसिद्ध होने पर सुनाई गई सजा
पुलिस ने संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। प्रकरण में विचारण के दौरान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कटघोरा पीठासीन अधिकारी श्रीमती मधु तिवारी के द्वारा साक्षियों के साक्ष्य के दौरान आये तथ्यों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भा.द.वि. के तहत अपराध सिद्ध पाये जाने पर आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजय जायसवाल ने किया एवं अभियोजन अपने विश्वसनीय और संपुष्किारक साक्ष्य से प्रकरण को संदेह से परे प्रमाणित करने में सफलता प्राप्त की और अपराधी को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।