👉🏻 मामला-बेहरचुआ में पक्का फर्श व कोटना निर्माण में फर्जीवाड़ा का
👉🏻सत्यसंवाद ने प्रमुखता से उठाया था मामला, शिकायत भी हुई
कोरबा। फर्जी जिओ टेग के जरिए दूसरे निर्माण स्थल का टैगिंग कर और अन्य हितग्राहियों के नाम से मनरेगा की राशि आहरण कर गबन करने एवं लगभग 15 नग पक्का फर्श कोटना निर्माण ना करते हुए उसकी राशि निकालकर गबन करने के मामले में अंतत: रोजगार सहायक की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह मामला संज्ञान में आने पर सत्य संवाद ने लगातार प्रमुखता से इसे उजागर किया। कलेक्टर अजीत बसंत के भी संज्ञान में यह मामला लाया गया। खबर और शिकायत पर जांच हुई और जांच के बाद दोषी पाते हुए रोजगार सहायक राजनंदिनी महंत पर गाज गिरी।
करतला जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि महात्मागांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायत बेहरचुआ की रोजगार सहायक सुश्री राजनंदनी द्वारा बेहरचुआ में पक्का फर्श एवं कोटना निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जॉच उपरांत वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया। वित्तीय अनियमितता पाये जाने पर धारा 27 (2) के तहत सेवा समाप्ति की कार्यवाही किये जाने का निर्देश है। अतः कलेक्टर कोरबा द्वारा दिये गये अनुमोदन अनुसार एक माह का मानदेय सहित सेवा समाप्त किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
👉🏻 संलिप्त अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की दरकार
यह आर्थिक घोटाला, फर्जीवाड़ा एक अकेले के बूते का नहीं है। राजनंदनी एक छोटा सा मोहरा है लेकिन फर्जी जिओ टैगिंग से लेकर बिना निर्माण राशि आहरण के इस मामले में मनरेगा के ब्लॉक से लेकर जिला स्तर के जिम्मेदार लोगों की भूमिका भी इसमें मौजूद है, जिसकी अनदेखी उचित प्रतीत नहीं होती। इन्हें जांच के दायरे में जांच दल ने लिया है कि नहीं इसे स्पष्ट नहीं किया जा सका है। कार्रवाई के दायरे में और भी लोग आना लाजिमी है किंतु अन्य लोगों को बख्शा जाना उनके सरकारी योजनाओं में गलत इरादे और मनरेगा में होने वाले फर्जी मामलों में मनोबल बढ़ाने जैसा ही है। फर्जीवाड़ा में संलिप्त अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की दरकार है।



