0 विधानसभा-लोकसभा-जिपं चुनाव के मामले में दोहरा मापदंड की चर्चा
कोरबा। अनुशासनहीनता अथवा पार्टी की लाइन से परे जाकर काम करने वालों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपने जिला अध्यक्ष मनोज शर्मा को बदलकर कमान गोपाल मोदी को सौंप दी है। गोपाल मोदी युवा तुर्क होने के साथ-साथ संगठन के संचालन का लंबा अनुभव भी रखते हैं और नि:संदेह उनके नेतृत्व में पार्टी नए आयाम गढ़ेगी। दूसरी तरफ प्रदेश संगठन के द्वारा जिले में की जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में दोहरा मापदंड अपनाने की चर्चा भी पार्टीजनों के ही भीतर तेज हुई है।
दरअसल, इस कार्रवाई के बाद बीते विधानसभा, लोकसभा और हाल में संपन्न हुए जिला पंचायत चुनाव के वक्त पार्टी के साथ दगा करने वालों, घोषित प्रत्याशी को हराने में भूमिका निभाने वालों के विरुद्ध की गई नामजद शिकायत के बावजूद आज पर्यंत उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी है, जिसे लेकर सवाल तो बनता है।
रामपुर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी रहे ननकीराम कंवर ने अपनी हार के लिए जिम्मेदार पार्टी के लोगों के संबंध में नाम व पद सहित शिकायत की है लेकिन इस शिकायत पर आज तक कार्रवाई लंबित है। लोकसभा चुनाव में सांसद प्रत्याशी सूची सरोज पांडे की हार को लेकर भी पार्टी के ही कई लोगों ने जयचंद की भूमिका निभाई लेकिन इस मामले में भी ऐसे लोगों पर कोई गाज अब तक नहीं गिर सकी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए घोषित किए गए भाजपा प्रत्याशियों के विरुद्ध भी भाजपा से ही बगावत कर चुनाव लड़ा गया और ऐसे में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इन प्रत्याशियों में से एक प्रत्याशी पूर्व गृहमन्त्री ननकीराम कंवर की बहू भी शामिल रहीं जिन्हें बागी प्रत्याशी ने हार का स्वाद चखाया।
बात जब अनुशासनहीन लोगों के कारण जिला भाजपा अध्यक्ष मनोज शर्मा को महज तीन से चार माह के भीतर हटाने की चल पड़ी है, तब इस बात पर सवाल तो पार्टी के भीतर से ही उठा है कि आखिर संगठन बागियों-दागियों के इन मामलों में दोहरा रवैया क्यों अपना रहा है?