0 कुसमुंडा, कोरबा, गेवरा , दीपका क्षेत्र के भूविस्थापित उपस्थित रहे
बिलासपुर/कोरबा। माटी अधिकार मंच ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में गेट जाम धरना प्रदर्शन किया । जिसमें लगभग 250 से अधिक भूविस्थापित महिला पुरुष शामिल हुए । इस दौरान कुसमुंडा , कोरबा, गेवरा , दिपका क्षेत्र के भूविस्थापित उपस्थित रहे । प्रदर्शन के दौरान भुविस्थापितो ने जमकर अपनी भड़ास निकली।
0 माटी अधिकार मंच ने महाप्रबंधक मैनपॉवर एवं भू राजस्व के समक्ष वार्ता के लिए किया मना । सक्षम अधिकारी डायरेक्टर के साथ वार्ता 13 मार्च को ।
धरना प्रदर्शन के दौरान एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारियों ने कई बार वार्ता करने की प्रस्ताव रखी , परंतु जवाबदार अधिकारी से बात करने की शर्त पर संगठन के अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास अड़े रहे । संगठन ने महाप्रबंधक श्रम शक्ति एवं महाप्रबंधक भू राजस्व के साथ वार्ता के लिए मना कर दिया । डायरेक्टर योजना परियोजना के मुख्यालय से बाहर नागपुर में मीटिंग में सम्मिलित होने के कारण 13 मार्च को मीटिंग किया जाना तय किया गया जिसमें डायरेक्टर, मैनपॉवर लीगल , औद्योगिक संबंध के अधिकारी उपस्थित रहेंगे । संगठन ने अधिकारियों को कहां की अगर मीटिंग की तिथि में परिवर्तन की जाती है या सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाते हैं तब बगैर सूचना के 17 मार्च को मुख्यालय में पुनः अनिश्चित कालीन गेट जाम धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान तेज धूप होने पर भी महिलाएं , बच्चे एवं बूढ़े डटे रहे । लगातार नारेबाजी एवं भाषण चलता रहा । इस दौरान बुड़बुड़ क्षेत्र के एक खातेदार के द्वारा अपनी पीड़ा को बताया गया की ऊंचाई पांच फीट से कम होने का आधार बनाकर मुझे मेडिकल अनफिट कर दिया गया है । एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के द्वारा भी 2015-16 में ग्राम बरकुटा के खातेदार बलराम सिंह कंवर को 5 फीट से कम ऊंचाई होने के कारण मेडिकल अनफिट कर रोजगार के लिए अपात्र कर दिया था , परंतु परिवार सहित कोयला उत्पादन को बंद कर देने के बाद आनन फानन मे रोजगार प्रदान किया गया । प्रबंधन के अधिकारी केवल उत्पादन रोकने की स्थिति में ही किसी निर्णय पर सकारात्मक स्वीकृति प्रदान करते हैं ।
0वार्ता में सकारात्मक पहल नहीं किए जाने पर माटी अधिकार मंच के द्वारा खदान बंद किया जाएगा

धरना प्रदर्शन के दौरान एसईसीएल के अधिकारियों का व्यवहार को देखकर विस्थापितों में काफी आक्रोश व्याप्त था । वहां उपस्थित लोगों ने आम राय बनाकर कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र का उत्पादन बाधित करने का मन बना लिया है । सकारात्मक निर्णय नहीं आने पर शीघ्र ही उत्पादन बाधित किया जाएगा । लोगों का यह भ्रम था , कि एसईसीएल के अधिकारी गंभीरता से बातों को सुनकर निराकरण के लिए पहल करेंगे , परंतु अधिकारियों के रवैए को देखकर उत्पादन बंद हड़ताल करने की रणनीति तय की गई । पुराने अर्जन में रोजगार की समस्या , जिसमें अर्जन के बाद जन्म , शासकीय प्रदत्त भूमि स्वामी हक की भूमि, विसंगति पूर्ण खाता का संयोजन ,एवं अविवादित सही प्रकरण का निपटारा नहीं किया जाता है । छोटे खातेदारों को रोजगार के लिए नियमों में बदलाव नहीं किया जाता है । मुआवजा राशि में बढ़ोतरी के लिए विकल्प तैयार नहीं जाते हैं , एवं शासकीय एवं अन्य व्यक्ति की भूमि में निर्मित प्रधानमंत्री मंत्री आवास में सोलिशियम राशि एवं पुनर्वास प्रदान नहीं करने की स्थिति में आंदोलन उग्र रूप से किया जाएगा । धरना प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अधिकारियों से माटी अधिकार मंच के अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास ने मांग रखी कि, अर्जन के बाद जन्म संबंधी मामलों में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर का आदेश आ गया है । आदेशानुसार अर्जन के बाद जन्म लिए व्यक्ति रोजगार के लिए पात्र है । शीघ्र ही इस आदेश को आधार बनाकर अर्जन के बाद जन्म लिए सभी व्यक्तियों को वन टाइम सेटलमेंट के तहत रोजगार प्रदान किया जाए । इसके साथ ही बुडबुड , राहाडीह के छोटे खातेदारों के लिए माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा 45 दिन के अंदर मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति 1991 के तहत रोजगार प्रदान करने का आदेश पारित किया है । इससे यह प्रमाणित हो गया है कि , कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के स्थान पर राज्य के पुर्नवास नीति को लागू किया जाना संविधान सम्मत होगा । सभी छोटे खातेदारों को कोल इंडिया पॉलिसी के स्थान पर राज्य की पुनर्वास नीति के अनुसार रोजगार प्रदान किया जाए ।
प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही जिनका मकान स्वयं की भूमि पर निर्मित नहीं है । ऐसे व्यक्तियों को बेघर करने की जानकारी जिसने भी सुनी हैरान रह गए । लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि इस तरह के नियम भी एसईसीएल के द्वारा चलाया जा रहा है ।
0बेघर करने की जानकारी प्रधानमंत्री , केंद्रीय आवास मंत्री एवं मुख्यमंत्री को दी जाएगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना से जिस तरह से आवासहीन एवं टूटी फूटी कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को आवास का लाभ प्रदान किया जा रहा है । जिससे लोगों के चेहरे पर खुशी व्याप्त है । इस खुशी को एसईसीएल के अधिकारी छीनकर बेघर करने का काम कर रहे हैं । एसईसीएल के द्वारा दूसरे व्यक्ति के भूमि पर बने प्रधानमंत्री आवास या शासकीय भूमि पर बने प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को पुनर्वास नहीं देने का फरमान जारी किया गया है। एसईसीएल के अनुसार ऐसे व्यक्ति जिनकी स्वयं की भूमि पर मकान निर्मित नहीं है उन्हें पुनर्वास प्लांट आवास के लिए प्रदान नहीं किया जाएगा इस समस्या को माटी अधिकार मंच के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री , केंद्रीय आवास मंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएगा ।
माटी अधिकार मंच ने पुलिस प्रशासन का आभार जताया
कार्यक्रम के दौरान भुविविस्थापितों की समस्याओं को सुनकर आसपास के लोग हैरान हो गए। पुलिस प्रशासन भी समस्याओं को सुनकर अचंभित हो गए । कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा भरपूर सहयोग प्रदान किया गया जिसका माटी अधिकार मंच ने आभार जताया ।