0 ओबीसी महासभा ने कई बिंदुओं का सौंपा मांगपत्र
कोरबा। आज गुरुवार को भरी बरसात में भीगते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। कलेक्टर अजीत वसंत को ज्ञापन देते हुए ओबीसी महासभा ने अपनी विभिन्न मांगों को राज्य व राष्ट्र स्तर पर पहुंचाया है।
ओबीसी महासभा के जिलाध्यक्ष नकुल कुमार राजवाड़े ने बताया कि अनेक प्रयासों-पत्रों के बाद भी आज पर्यंत राष्ट्रीय जनगणना एवं 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक में महामहिम राज्यपाल के हस्ताक्षर जैसे ज्वलंत समस्याएं यथावत बनी हुई है। ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु बिंदुवार ज्ञापन प्रेषित किया गया है :-

- लंबित राष्ट्रीय जनगणना शीघ्र की जाए, जिसमें ओबीसी की गणना भी शामिल किये जाने का अनुरोध है।
- समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण) कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका, मीडिया एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रदान किए जाने का अनुरोध है।
- ओबीसी आरक्षण में लागू क्रीमीलेयर एवं 50 प्रतिशत कैपिंग की असंवैधानिक शतों को समाप्त किए जाने का अनुरोध है, क्योंकि क्रीमीलेयर की अवधारणा परिवार एवं समाज के लिए विघटनकारी बन गया है।
- विगत 32 वर्षों से लंबित 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण छत्तीसगढ़ राज्य में अविलंब लागू किए जाने एवं उक्त अवधि का बैकलॉग नियुक्तियां प्रदान किए जाने का अनुरोध है। तत्त्कालीन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर महामहिम राज्यपाल का हस्ताक्षर किए जाने हेतु आवश्यक पहल शासन स्तर पर किए जाने का अनुरोध है।
- मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को पूर्णतः लागू किए जाने जाने का अनुरोध है।
- 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को देश के सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जावे तथा भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को अध्यादेश पारित कर संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल किया जावे।
- छत्तीसगढ़ के सभी तहसील मुख्यालयों में ओबीसी के लिए सर्व सुविधायुक्त पोस्ट मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावास का प्रावधान किए जाने का अनुरोध है।
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पूर्णतः लागू किये जाने का अनुरोध है।
- केन्द्र एवं राज्य के शासकीय संस्थाओं में रिक्त पदों पर बैंकलॉग नियुक्तियों प्रदान किया जावे ताकि पिछड़े समाज के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
- हाल ही में शिक्षा विभाग के शालाओं एवं शिक्षकों की युक्तियुक्तीकरण किया गया, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकुल अवसर पड़ सकता है। अतः युक्तियुक्तीकरण को निरस्त किये जाने का अनुरोध है।
- राज्य छात्रवृत्ति, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में विसंगतियों को दूर करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति समान शर्तों एवं दरों पर ओबीसी को भी छात्रवृत्ति प्रदान किए जाने का अनुरोध है।
- छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। अतः राज्य अंतर्गत संचालित समस्त शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यालयों में कृषि संकाय अनिवार्य रूप से संचालित किए जाने का अनुरोध है।
- सामाजिक प्रास्थितिक (ओबीसी) प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरलीकरण किये जाने का अनुरोध है।
- ओबीसी की समुचित विकास एवं उत्थान के लिए प्रचलित आरक्षण के बराबर राज्य की बजट में प्रावधान किए जाने का अनुरोध है ।
- देश के कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में पृथक से पिछड़ा वर्ग विभाग संचालित है। छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी संबंधी योजना एवं जन कल्याणकारी कार्यक्रम आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही है, जिससे ओबीसी की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सका है। छत्तीसगढ़ राज्य में बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय के लिए पृथक से से विभाग स्थापित किए जाने का अनुरोध है।
- एट्रोसिटी एक्ट अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जाने का अनुरोध है।
- छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों को समय में पर्याप्त खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित किया जावे तथा वर्ष 2025 की धान खरीदी 01 नवबंर से प्रारंभ किये जाने का अनुरोध है।
- आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य में भी राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों पर साक्षात्कार की प्रक्रिया को बंद किए जाने का अनुरोध है।
- शासकीय भूमि में 2005 से कब्जाधारी एवं निवासरत ओबीसी समाज के लोगों को वनभूमि पट्टा प्रदान किया जावे।
- छत्तीसगढ़ के अनियमित (संविदा, प्लेसमेंट, मानदेय, दैनिक वेतन भोगी, जॉबदर, ठेका आदि) कर्मचारी/अधिकारियों को नियमित किये जाने का अनुरोध है।
- बर्खास्त बी.एड सहायक शिक्षकों को सरकार द्वारा दिये गये आश्वासन के मुताबिक विभाग में तत्काल समायोजित किये जाने का अनुरोध है।
- प्रदेश के शालाओं में कार्यरत अंशकालीन स्वीपर को पूर्णर्णकालिक किये जाने का अनुरोध है।
- मोदी की गारंटी अनुसार शासकीय शालाओं में कार्यरत छत्तीसगढ़ के समस्त मध्यान भोजन रसोईयो का 50 प्रतिशत मानदेय वृद्धि किये जाने का अनुरोध है।
- इटावा (उ. प्र.) में यादव कथावाचक को प्रताड़ित कर मानव मूत्र पिलाने के दोषी पर कठोर कार्यवाही किया जावे।
आग्रह किया गया है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक भारत देश के अर्थव्यवस्था की “रीढ़ की हड्डी” ओबीसी समुदाय को सामाजिक न्याय प्रदान कर समतामूलक समाज की स्थापना में महती योगदान प्रदान करने की कृपा करेंगे।


