कोरबा। एसईसीएल की गेवरा परियोजना की आउटसोर्सिंग कंपनियों में भू-विस्थापित व खदान प्रभावित बेरोजगारों को नियोजित करने की मांग जारी है। वार्ता में बार-बार सिर्फ आश्वासन ही मिलने और रोजगार उपलब्ध कराने में भेदभाव से प्रभावित लोग परेशान हैं। चालक, हेल्पर, सुपरवाईजर आदि पदों में भर्ती की मांग कर 19 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन, ओबी और कोयला परिवहन वाहनों को रोकने व खदान के कार्य को बाधित करने के लिए बाध्यता ऊर्जाधानी भू विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप द्वारा बताई गई हैं।
इधर दूसरी तरफ अनिश्चितकालीन आंदोलन की सूचना पर गेवरा क्षेत्र के स्टाफ ऑफिसर (भू-राजस्व) के द्वारा कहा गया है कि जिन खातेदारों को रोजगार की पात्रता नहीं बनती है, उनके आश्रित युवाओं को वैकल्पिक रोजगार कार्यकुशलता के अनुरूप रिक्त स्थानों के आधार पर ठेका कार्यों में उपलब्ध कराया जा रहा है व 1200-1300 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है तथा आगे भी जारी रहेगी। परियोजना का विस्तार कार्य लगातार जारी है, जिसके कारण भविष्य में अधिकाधिक रोजगार का अवसर मिलता रहेगा। प्रबंधन द्वारा कहा गया कि मांग के संबंध में लिखित जानकारी के साथ ही कई दौर की बैठक कर निराकरण के संबंध में नियमों के दायरे में प्रबंधन द्वारा पहल की जा चुकी है और आगे भी की जाएगी। बावजूद इसके समय-समय पर इसी मांग को लेकर खदान के कार्य में बाधा उत्पन्न किया जाता रहा है। अपील की गई है कि भविष्य में इस तरह से सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न न करें अन्यथा एसईसीएल प्रबंधन द्वारा आपको किसी भी प्रकार का सहयोग किया जाना संभव नहीं हो पाएगा।
0 सहयोग की बात से हैरत में संगठन
इधर प्रबंधन के इस पत्र के बाद श्री कुलदीप ने भी पत्र लिखकर यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि हमें (व्यक्तिगत अथवा सांगठनिक) किस तरह का सहयोग प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है। पूर्व घोषणा अनुसार 19 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि प्रबंधन अब आंदोलन को रोकने के लिए धमकी देने पर उतर आया है,उसका पत्र तो यही कहता है। उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि किसे और किस तरह का सहयोग देते रहे हैं जो आगे नहीं देने उल्लेख किया गया है। उचित जवाब न मिलने पर कानून का सहारा लेना पड़ सकता है।
