👉🏻 मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए निर्देश जारी
रायपुर/कोरबा। बिहार प्रांत में चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों में बड़ी गड़बड़ियां उजागर होने और देश भर में लगते वोट चोरी के आरोपों के बीच छत्तीसगढ़ में भी मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं के नाम को लेकर व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियों के आरोप और शिकायतें सामने आये हैं। लगातार लगते आरोपों के बीच आखिरकार बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण (SIR) करने संबंधित निर्देश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी,छत्तीसगढ़ के द्वारा जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर सह जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
0 वार्षिक विशेष और संक्षिप्त पुनरीक्षण से अलग है यह अभियान
गौरतलब है कि मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Summary Revision – SSR) और SIR गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) दोनों ही चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची (Electoral Roll) को अपडेट करने के लिए किए जाने वाले कार्यक्रम हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) हर वर्ष नियमित रूप से किया जाता है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना, नए मतदाताओं को जोड़ना, मृत/डुप्लीकेट नाम हटाना है।यह एक रूटीन और निर्वाचन आयोग के कैलेंडर आधारित प्रक्रिया है।
दूसरी तरफ SIR अर्थात (Special Intensive Revision) विशेष परिस्थितियों में किया जाता है, जब मतदाता सूची में बड़ी अनियमितता या संदेह पाया जाता है। इसका उद्देश्य है पूरी सूची को गहराई से जांचना, फील्ड वेरिफिकेशन करना। यह असामान्य और एकबारगी कार्रवाई है,जो सामान्यतः चुनाव से पहले या शिकायतों के बाद कराई जाती है।
0 घर-घर जाकर करना होगा भौतिक सत्यापन
साल में एक बार होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण में अक्सर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कैंप लगाकर नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मतदाताओं का स्थानांतरण करने से लेकर विलोपन के लिए निर्धारित प्रारूप में फॉर्म भरे जाते हैं और यह सारा कार्यक्रम कैंप आधारित होता है। लेकिन, दूसरी तरफ SIR में डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन अनिवार्य होता है। बूथ लेबल ऑफिसर और पर्यवेक्षक को प्रत्येक प्रविष्टि की भौतिक जांच करनी होती है।डुप्लीकेट, फर्जी, मृत मतदाता की पहचान पर विशेष फोकस करना होता है।



