KORBA DEO का चर्चित आदेश: खण्डहर सरकारी भवन शिशु मंदिर को दिया विद्यालय संचालन के लिए…
कोरबा-कटघोरा। शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी का एक आदेश काफी चर्चा के साथ सवालों और संशय का विषय बना हुआ है। उन्होंने एक मांग पर कटघोरा विधायक की अनुशंसा से मुख्य मार्ग स्थित एक खंडहर हो चुके सरकारी स्कूल के रिक्त भवन को सरस्वती शिशु मंदिर को विद्यालय संचालन हेतु प्रदान करने का आदेश जारी किया है। आदेश के बाद से स्थानीय लोगों में यह संशय बना है कि विद्यालय का संचालन किन शर्तों और परिस्थितियों में किया जाएगा, सरकारी जमीन पर निर्मित सरकारी भवन का पुनर्निर्माण/ नया निर्माण/जीर्णोद्धार आदि के कार्य किस तरह से होंगे, राशि कौन खर्च करेगा, इस पर किसका आधिपत्य होगा..? आदि कई महत्वपूर्ण बातों का जिक्र इस आदेश में नहीं है। वैसे विभागीय लोगों का ही कहना है कि इस तरह से किसी सरकारी स्कूल को निजी विद्यालय के संचालन हेतु दिया जाना कई तरह के सवाल उठा रहा है। कटघोरा नगर में भी इस आदेश की चर्चा है और विरोध भी। हालांकि यह भी कहा गया है कि विभाग को भविष्य में यदि भवन की आवश्यकता होगी तो सरस्वती शिशु मंदिर संस्था कटघोरा को विभाग को भवन उपलब्ध कराना होगा, लेकिन क्या शिशु मंदिर संचालन की सूरत में ऐसा सम्भव हो पाएगा?
गौरतलब है कि सरस्वती शिक्षा समिति,कटघोरा के अध्यक्ष द्वारा शासकीय बेसिक प्राथमिक शाला कटघोरा में सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटघोरा के कक्षा संचालन करने हेतु अनुमति के लिए आवेदन 22 अक्टूबर 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को दिया गया था जो प्राप्त हुआ।
इस आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 अक्टूबर को जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्यक्ष ने आदेश जारी कर दिया कि-उक्त वर्तमान में बेसिक प्राथमिक शाला कटघोरा को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय कटघोरा में समायोजित करके नवीन भवन में संचालन किया जा रहा हैं, इस कारण सरस्वती शिशु मंदिर संस्था कटघोरा को उक्त खाली भवन में अस्थाई रूप से अध्यापन कार्य के लिये अनुमति प्रदान की जाती है। यह भी कहा है कि विभाग को भविष्य में यदि भवन की आवश्यकता होगी तो सरस्वती शिशु मंदिर संस्था कटघोरा को विभाग को भवन उपलब्ध कराना होगा।
0 स्थानीय लोग कर रहे दुरुपयोग
जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उक्त विद्यालय आत्मानंद स्कूल में मर्ज हो जाने के कारण बच्चे नए स्कूल में पढ़ रहे हैं। यह भवन बंद होने के कारण खंडहर होता जा रहा है।स्थानीय लोगों के द्वारा अपने निर्माण सामग्री यहां रखकर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है और गंदगी भी बढ़ रही है। यदि शिशु मंदिर ने अतिरिक्त कमरा के लिए संचालन की अनुमति मांगी है तो उसे देने में कोई हर्ज नहीं है। विधायक की अनुशंसा पर हमने आदेश जारी किया है, भविष्य में जब कभी भी आवश्यकता होगी, भवन वापस ले लिया जाएगा।