नहीं छूट रहा रिश्वत का मोह: राजधानी में ज्वाइंट डायरेक्टर,ऊर्जाधानी में RI-पटवारी रंगे हाथ पकड़ाए
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण विभागाध्यक्ष कार्यालय इंद्रावती भवन में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के मामले ने बढ़ती रिश्वतखोरी की प्रवृत्ति को लेकर चिंता की लकीर खींच दी है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने राजधानी में मंत्रालय भवन में बैठकर रिश्वत लेने वाले मत्स्य पालन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर को रंगे हाथ पकड़ा है तो वहीं ऊर्जाधानी कोरबा में एक राजस्व निरीक्षक और पटवारी को भी दबोचा गया है।
कार्य करने के एवज में रिश्वत लेने का मोह और कतिपय सरकारी अधिकारियों द्वारा मानसिक तौर पर बना ली गई रवायत छूटने का नाम नहीं ले रही है। इनकी आदत में रिश्वत शुमार हो चुका है तो वहीं इसकी मार से जरूरतमंद लोग हलाकान हैं। मौके की नजाकत का भरपूर फायदा उठाने वाले रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों पर एंटी करप्शन ब्यूरो का नजला औसतन हर 2 से 3 दिन में गिर रहा है। यह तो ACN की सक्रियता और लोगों में रिश्वत देने की बजाय ऐसे लोगों को बेनकाब करने की बढ़ती जागरूकता का परिणाम है कि जो लोग अपने आपको ईमानदार दर्शाकर टेबल के नीचे से जेब गर्म करने के बाद ही काम करने की प्रवृत्ति पर विश्वास रखते हैं, ऐसे लोग किसी न किसी माध्यम से पकड़े जा रहे हैं। रिश्वत के विरुद्ध जो लोग निडर होकर सामने आ रहे हैं, वे तारीफ के काबिल हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने राजधानी रायपुर के इंद्रावती भवन में 2 लाख रुपये की घूस की मांग पर 1 लाख रुपये लेते ज्वाइंट डायरेक्टर मछली पालन को दफ्तर से गिरफ्तार किया है। ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिन्हा को पैसे लेते भवन के चौथे मंजिल से गिरफ्तार किया गया है।कार्रवाई के दौरान एसीबी की टीम में करीब 15 अधिकारी थे।
बताया गया कि ज्वाइंट डायरेक्टर ने जांजगीर के सब-इंजीनियर से विभागीय जांच के एवज में दो लाख रूपए रिश्वत की मांग की थी। एक लाख रुपये की पहली किश्त एडवांस में देनी थी, जिसके बाद आज अग्रिम 1 लाख रुपये लेते हुए अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के बाद मंत्रालय में हड़कंप मच गया।
आरआई और पटवारी गिरफ्तार
कोरबा में घूस लेते आरआई और पटवारी को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक संजय दिवाकर, वर्तमान निवासी बाकीमोगरा, जिला-कोरबा द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि उसके द्वारा ग्राम जमनीपाली में भूमि खरीदने के लिये भूमिस्वामी शत्रुघन राव से सौदा तय हुआ है जिसकी रजिस्ट्री पूर्व सीमांकन हेतु उसके द्वारा आवेदन किया गया है। अगली कार्यवाही हेतु प्रार्थी द्वारा राजस्व निरीक्षक जमनीपाली अश्वनी राठौर से मुलाकात करने पर उसके द्वारा संपूर्ण कार्यवाही हेतु 15,000 रु रिश्वत की मांग की गई तथा पटवारी जमनीपाली धीरेन्द्र लाटा को पैसे देकर सीमांकन की अगली कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
शिकायत सत्यापन दौरान पटवारी धीरेन्द्र लाटा द्वारा मोलभाव कर 13,000 रु. में सौदा तय कर प्रार्थी से 5,000 रू. ले लिये गये। सत्यापन पश्चात् आज दिनाक 20.11.2024 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी पटवारी धीरेन्द्र लाटा एवं राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर को रिश्वती रकम की अगली किश्त 8,000 रू. लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी ली जा रही है। प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।