चुनाव के दौर में डूमरकछार के कामकाज की चर्चा,40 प्रतिशत कमीशन का जोर
0 रिटर्निंग वॉल के कई निर्माण और पंचायत के कार्यों की जांच की मांग उठी
कोरबा-पाली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी जोर पकड़ चुकी है। भले ही पंचायत का आरक्षण अभी टल गया है लेकिन जल्द ही यह भी पूरा हो जाएगा। इससे पहले पंचायत में चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग अपना-अपना समीकरण बिठाने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ पिछले 5 वर्षों में पंचायत के कामकाज को लेकर भी सवालों और शिकायतों का दौर शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में पाली विकासखंड का डूमर कछार पंचायत काफी चर्चा में आने लगा है। यहां किसी भी विकास कार्य के लिए सबसे पहले कमीशन तय है और कोई भी काम 40% तक राशि खर्च करने के बाद बची राशि में संपन्न कराने की मजबूरी बन चुकी है।कार्य प्रारंभ करने से पहले चढ़ावे की ऐसी भूमिका और ताना-बाना बांधे जाते हैं कि 40 से 50% खर्च करने के बाद ही वह आगे कदम बढ़ा सकता है। अब भला 40 प्रतिशत राशि यूं ही खर्च कर देने के बाद कार्य की गुणवत्ता समझी जा सकती है। यह खेल भी हुआ है कि एक सड़क को नाम बदल-बदलकर थोड़ी ही दूरी होने बावजूद नया नाम बताकर बनवाने के लिए स्वीकृति बाद पैसे निकाले गए हैं। डूमरकछार पंचायत के विकास कार्यों की जांच की मांग भी यहां के ग्रामीणों के बीच से उठी है। यह भी चर्चा है कि डूमरकछार पंचायत में रिटर्निंग वॉल निर्माण में बड़े खेल हुए हैं। अनावश्यक और गैर जरूरी स्थान पर भी रिटर्निंग बनवाए गए है। यहां तक की तालाब के इर्द-गिर्द भी तालाब की लागत से दोगुना तीन गुना लागत पर रिटर्निंग वॉल बनवाए गए हैं। आखिर भ्रष्टाचार का ऐसा खेल किसके इशारे पर खेला गया है, यह जांच का विषय है और उंगलियां सरपंच की ओर उठ रही हैं।
वैसे पंचायत के कामकाज को लेकर बीच-बीच में निगरानी और ऑडिट होती रहती है लेकिन कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सुर्खियों में बने रहने वाले अन्य पंचायत की तरह ही डूमर कछार पंचायत के भी कामकाज की जांच कराया जाना चाहिए जहां लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार व गुणवत्ताहीन कार्य उजागर होंगे।