कोरबा। आम लोगों को सड़क पर चलने के दौरान किसी भी तरह के हादसे से बचने के लिए सड़कों के किनारे लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर फुटपाथ बनवाए जाते हैं, लेकिन यह फुटपाथ अतिक्रमणकरियों की भेंट चढ़कर लोगों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर करते हैं। लोगों में फुटपाथ पर चलने की आदत डालने की जरूरत है ताकि सड़कों पर वाहनों का सुगम आवागमन हो सके।
फुटपाथों पर दुकान लगाने वालों के कारण लोग अपने दो पहिया, चार पहिया वाहन सड़क पर खड़ी कर खरीदारी करने में मशगूल रहते हैं जिसके कारण हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। इसके अलावा कालांतर में निगम के द्वारा सौंदर्यकरण के लिए इन दीवारों पर आकर्षक और प्रेरक पेंटिंग भी करवाई गई जो अतिक्रमण के कारण किसी काम की नहीं रह गई।
इस बीच निगम आयुक्त आशुतोष पांडे ने पिछले दिनों बुधवारी क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां की बदहाल व्यवस्थाओं को देखा और समझा। इसके पश्चात यहां के फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में जैन मंदिर के पास से लोहे की जाली लगाई जा रही है ताकि फुटपाथ पर किसी तरह की दुकान न लग सके। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि सड़क के दोनों तरफ के फुटपाथों पर यह जाली लगवाई जा रही है ताकि किसी तरह का अतिक्रमण इस रास्ते के किनारे ना हो सके। निगम आयुक्त का यह कार्य अतिक्रमण से परेशान लोगों ने सराहनीय बताया है।
0 शहर को बदसूरत बना रहे हैं अतिक्रमणकारी
यहां-वहां पर जमा अव्यवस्थित अतिक्रमणकारियों के कारण शहर की सुंदरता भी बदसूरत होती जा रही है साथ ही निगम के लाखों-करोड़ों के निर्माण जैसे नाली, फुटपाथ, सड़क यह सब भी अतिक्रमणकारियो की दबंगई की भेंट चढ़ रहे हैं। इसका जीवंत उदाहरण कुआँभट्ठा मार्ग है। महाराणा प्रताप चौक बुधवारी से कुआं भट्ठा की ओर जाने वाले मार्ग पर जो बेतहाशा गति से लोगों ने अतिक्रमण किए हैं, उसने प्रशासनिक व्यवस्था को सवालों में ला दिया है। पूर्व के अतिक्रमणरोधी दस्ता प्रभारी योगेश राठौर की मेहरबानी से अतिक्रमण खूब फलता – फूलता गया। यहां तक कि निगम निर्मित नालियों को पाट कर उसके ऊपर कब्जा करते हुए अपनी दुकानों को, सामानों को बांस-बल्लियों के ढेर को रखने तक का काम किया जा रहा है। इस मार्ग में तो सरकारी जमीन अब ढूंढे नहीं मिलेगी।
बुधवारी बाजार मार्ग की बेशकीमती जमीन को भी बेजा कब्जा मुक्त कराने की जरूरत है। यहां जिस तरह से महिला समृद्धि बाजार के शेड पर फल के दुकानदारों ने मिलीभगत से सड़क तक कब्जा कर लिया है, उसे भी व्यवस्थित करने की जरूरत है। यहां पर व्यवस्थित निर्माण कराते हुए निगम को आयमूलक कार्य करने की आवश्यकता है ताकि मनमानी को रोका जा सके।